कोलकाता : वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी शिकस्त के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कोलकाता आ रहे हैं। आगामी 30 दिसंबर को नमामि गंगे मिशन के तहत कोलकाता में कार्यक्रम और बैठक होनी है। इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ गंगा से सटे राज्यों बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है।
सूत्रों ने बताया है कि इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई दूसरा सांगठनिक कार्यक्रम नहीं है। यानी भाजपा की प्रदेश इकाई की ओर से किसी भी कार्यक्रम में पीएम मोदी शिरकत करने वाले नहीं हैं। ऐसा हो सकता है कि प्रदेश भाजपा के कुछ नेता अलग से मुलाकात करें लेकिन पीएम के आधिकारिक कार्यक्रमों में ऐसा कुछ भी शामिल नहीं किया गया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि संघीय ढांचे के अनुरूप केवल प्रधानमंत्री के तौर पर पीएम मोदी के दौरे को प्रोजेक्ट करने की कोशिश की जा रही है। बहरहाल भाजपा नेताओं का मानना है कि भले ही प्रधानमंत्री का कोई सांगठनिक कार्यक्रम नहीं है लेकिन उनके आने से निश्चित तौर पर पार्टी को राज्य में नई ऊर्जा मिलेगी। यहां तक कि विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के हमले के बाद पस्त पड़े राज्य के कार्यकर्ताओं को साहस मिल सकता है।
भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने इस संबंध में कहा कि संघीय ढांचे में राज्य और केंद्र दोनों मिलकर लोगों के विकास के लिए काम करते हैं। लेकिन ममता बनर्जी का घमंड इतना बड़ा है कि केंद्र की योजनाओं से बंगाल के लोग वंचित हैं। किसी न किसी जरिए से अगर केंद्र और राज्य में बेहतर तालमेल होता है तो अच्छा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आने से निश्चित तौर पर बंगाल के कार्यकर्ताओं को नया साहस मिलेगा।