कोलकाता : अब निजी वाहन का टैक्स बकाया रहने पर प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा। परिवहन विभाग ने बकाया वाहन कर (टैक्स) वसूली के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किये हैं। नए नियम एक नवंबर से प्रभावी होंगे। नए नियम के अनुसार, वाहन से संबंधित कोई भी जुर्माना, ई-चालान आदि बकाया नहीं रखा जा सकेगा। सब कुछ पूरा होने पर ही प्रदूषण परीक्षण किया जा सकेगा।
इसके अलावा, धुआं परीक्षण स्टेशनों के लिए भी कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन पर नया सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया जा रहा है। पहले कई मामलों में पैसा देने पर प्रदूषण प्रमाणपत्र मिल जाता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब वाहन को धुआं परीक्षण स्टेशन पर ले जाना अनिवार्य है क्योंकि वहां प्रदूषण जांच की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करनी होती है। तस्वीर खींचकर ‘व्हीकल’ सॉफ्टवेयर पर अपलोड करना होगा। सब कुछ ठीक रहने पर प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, प्रदूषण का स्तर मापने से पहले कार मालिक को बकाया कर जमा कराने होंगे। पहले देखा गया है कि अगर कोई कार प्रदूषण जांच में फेल हो जाता तो उस कार के ड्राइवर पर बिना पैसे दिए निकल जाते थे। नतीजतन धुआं जांच केंद्र संचालकों को नुकसान भुगतना पड़ता था। इसलिए उन्होंने पैसे पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर देना शुरू कर दिया। इस समस्या से बचने के लिए परीक्षण से पहले पैसे चुकाने की बात कही गई है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वाहन के धुएं की जांच का खर्च एक से दो सौ रुपये के बीच है। इसलिए अगर कार मालिक बकाया टैक्स और अन्य जुर्माने से बचते हैं, तो भी वे प्रदूषण परीक्षण करवाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। कर (टैक्स) चुकाने के डर से वे प्रदूषण परीक्षण भी नहीं करेंगे इसलिए सरकार सभी बकाया टैक्स एकबार में ही वसूल कर लेगी।