प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के ब्लैक पेपर लाने पर साधा निशाना

नयी दिल्ली : राज्यसभा में सांसदों के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के ब्लैक पेपर लाने पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “…आज देश पिछले 10 साल में समृद्धि के नए-नए शिखर छू रहा है। एक भव्य-दिव्य वातावरण बना है और उसको नज़र ना लग जाए, इसीलिए काला टीका करने का आज प्रयास हुआ है। मैं उसके लिए भी मल्लिकार्जुन खड़गे का बहुत धन्यवाद करता हूं ताकि हमारी इस प्रगति की यात्रा को कोई नज़र ना लग जाए…मैं उसका (ब्लैक पेपर का) भी स्वागत करता हूं, क्योंकि जब भी अच्छी बात होती है तो काला टीका, नज़र ना लग जाए, इसीलिए बहुत जरूरी होता है….”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर दो वर्ष के बाद इस सदन में इस प्रकार का प्रसंग आता है लेकिन ये सदन निरंतरता का प्रतीक है। लोकसभा 5 साल के बाद नए रंग रूप के साथ सज जाती है। ये सदन हर 2 वर्ष के बाद एक नई प्राण शक्ति प्राप्त करता है। एक नई ऊर्जा प्राप्त करता है। एक नए उमंग और उत्साह का वातावरण भर देता है।

मोदी ने कहा कि इसलिए हर दो साल में होने वाली विदाई, वो विदाई एक प्रकार की विदाई नहीं होती। वो ऐसी स्मृतियों को यहां छोड़ कर जाते हैं, वो आने वाले नए बैच के लिए अनमोल विरासत होती है। कुछ लोग जा रहे हैं, हो सकता कुछ लोग आने के लिए जा रहे हैं। कुछ लोग जाने के लिए जा रहे हैं।

राज्यसभा में मनमोहन सिंह की तारीफ में बोले प्रधानमंत्री- व्हीलचेयर पर लोकतंत्र को ताकत देने आए

राज्यसभा से विदा होने वाले सांसदों को उच्च सदन में संबोधित करते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा सांसदों की कभी विदाई नहीं होती। प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ में बोले। पीएम मोदी ने कहा,”मैं आज डॉ. मनमोहन सिंह को याद करना चाहता हूं, उनका योगदान बहुत बड़ा है… इतने लंबे समय तक उन्होंने जिस तरह से इस सदन और देश का मार्गदर्शन किया है, उसके लिए डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा याद किया जाएगा।”

जिन सांसदों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है, उन्हें विदाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सदन और देश के प्रति योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे याद है कि दूसरे सदन में मतदान के दौरान यह पता था कि सत्ता पक्ष जीतेगा लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह अपनी व्हीलचेयर पर आए और अपना वोट डाला। यह एक सदस्य के अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत होने का उदाहरण है।”

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