क्वाड देशों ने की पहलगाम हमले की कड़ी निंदा, दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर जताई चिंता

वाशिंगटन डीसी में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी
नयी दिल्ली : भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के क्वाड समूह ने संयुक्त रूप से हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, स्थिरता और कानून के शासन की रक्षा के लिए अपने साझा संकल्प को दोहराया है। बैठक में समुद्री सुरक्षा, आपूर्ति शृंखला, प्रौद्योगिकी और आतंकवाद जैसे विषयों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई।

क्वाड देशों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया गया। आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद विशेष रूप से सीमापार आतंकवाद की कड़ी निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई है। म्यांमार संकट पर क्वाड ने युद्धविराम की आवश्यकता दोहराई और आसियान की पांच बिंदु सहमति के कार्यान्वयन का समर्थन किया। म्यांमार भूकंप राहत के लिए संयुक्त रूप से 3 करोड़ डॉलर की सहायता राशि की घोषणा की।

वॉशिंगटन डीसी में आयोजित क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है, “हम इस निंदनीय कृत्य (पहलगाम हमले) के अपराधियों, आयोजकों और वित्तपोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान करते हैं और सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतर्राष्ट्रीय कानून और प्रासंगिक यूएनएससीआर के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी प्रासंगिक अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।”

वाशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकी विदेश विभाग में कल क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, जापान के ताकेशी इवाया और ऑस्ट्रेलिया की पेनी वॉन्ग ने इसमें भाग लिया ।

बैठक के बाद के संयुक्त वक्तव्य में क्वाड ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है। जबरन यथास्थिति बदलने, सैन्य जहाजों और तटरक्षक बल द्वारा खतरनाक हरकतों और संसाधनों में हस्तक्षेप जैसे कदमों को क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया है। समुद्री विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार नेविगेशन की स्वतंत्रता बनाए रखने की आवश्यकता दोहराई गई है।

बैठक में चार प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित एक नई कार्यसूची की घोषणा की गई। समुद्री और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, नवाचार और प्रौद्योगिकी, तथा मानवीय सहायता। साथ ही आसियान, पैसिफिक आइलैंड फोरम और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन जैसे क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग को और मजबूत करने की बात कही गई।

बैठक में उत्तर कोरिया की मिसाइल गतिविधियों और परमाणु कार्यक्रम पर भी चिंता जताई गई। सदस्य देशों ने साइबर अपराध, अवैध वित्त पोषण और हथियार कार्यक्रमों में सहायता पर चिंता व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के पूर्ण क्रियान्वयन का आह्वान किया।

बैठक में क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव, समुद्री सहयोग, आपदा प्रतिक्रिया, और मुम्बई में ‘पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर’ साझेदारी जैसे कई नए कदमों की घोषणा की गई।

उल्लेखनीय है कि क्वाड (क्वाड्रीलेटरल रणनीतिक वार्ता) एक रणनीतिक मंच है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। इसका उद्देश्य हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्र, समावेशी और स्थिर व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। यह मंच हाल के वर्षों में सामरिक, आर्थिक और सुरक्षा मामलों पर सहयोग को लेकर सक्रिय हुआ है।

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