कोलकाता : रैगिंग की कथित घटना के कारण एक छात्र की मौत के बाद विवादों में घिरे यादवपुर विश्वविद्यालय के एक स्नातकोत्तर छात्र ने बुधवार को लड़कों के मुख्य छात्रावास के कुछ वरिष्ठ छात्रों के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। कला विभाग के छात्र की शिकायत के एक सप्ताह पहले विश्वविद्यालय ने उन छह छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी जो कथित तौर पर उस घटना में शामिल थे, जिसके कारण अगस्त में एक छात्र की मौत हो गई थी। छह छात्रों को अनिश्चितकाल के लिए परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया।
एक वरिष्ठ संकाय सदस्य ने कहा कि दर्शनशास्त्र विभाग के स्नातकोत्तर छात्र ने कला के डीन को एक मेल में शिकायत की है कि छात्रावास मेस समिति द्वारा स्थानीय बाजार से आवश्यक सामान खरीदने का काम सौंपे जाने के बाद उसे विभिन्न प्रकार की मानसिक यातना और दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ा।
छात्र ने कहा कि मैं सुरक्षित महसूस नहीं कर रहा हूं क्योंकि कुछ छात्र मेरे प्रति रुखा भाव दिखा रहे हैं। न ही मेरे लिए बाहर से अपनी पढ़ाई जारी रखना संभव है। कृपया मुझे उस विशेष ब्लॉक से जहां मैं अभी रहता हूं से बाहर परिसर में किसी अन्य छात्रावास में स्थानांतरित कर दें।
विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति बुद्धदेव साव ने कहा कि मैंने इस (छात्र के मेल के) बारे में सुना है। एंटी-रैगिंग समिति के संयोजक मामले की जांच कर रहे हैं। शिकायत पर चिंता जताते हुए यादवपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (जेयूटीए) के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने विश्वविद्यालय अधिकारियों से त्वरित जांच और ‘‘रैगिंग के खतरे को खत्म करने के लिए शीघ्र प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया।
नौ अगस्त को उसी छात्रावास भवन में स्नातक प्रथम वर्ष के एक बंगाली छात्र की रैगिंग और उसके बाद मौत की घटना ने परिसर और राज्य को हिलाकर रख दिया। कथित रैगिंग की घटना के बाद नौ अगस्त को विश्वविद्यालय के मुख्य छात्रावास की दूसरी मंजिल की बालकनी से छात्र गिर गया था और अगली सुबह एक निजी अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। घटना के संबंध में अब तक छह स्नातक छात्रों सहित कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।