नयी दिल्ली : दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने रेलवे टेंडर घोटाला मामले में अभियुक्त और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मिली जमानत को निरस्त करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने तेजस्वी यादव को सार्वजनिक रूप से भविष्य में सोच समझकर बोलने का निर्देश दिया। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने ये आदेश दिया।
तेजस्वी यादव मंगलवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने सीबीआई की ओर से रेलवे टेंडर घोटाला मामले में मिली जमानत को निरस्त करने की मांग का विरोध किया। सुनवाई के दौरान तेजस्वी यादव की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बातें कही गई थीं, वो दूसरे के संदर्भ में थीं। उन्होंने कई राजनीतिक मामलों और घोटालों इत्यादि पर चर्चा की। उस दौरान तेजस्वी यादव विपक्षी दल के नेता थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने भी ऐसे बयान दिए थे। इस पर कोर्ट ने तेजस्वी यादव को आगे से सार्वजनिक बयान देते समय सावधानी बरतने को कहा। कोर्ट ने कहा कि हम जमानत निरस्त नहीं कर रहे हैं। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि तेजस्वी यादव ने अगस्त में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कथित रूप से सीबीआई अधिकारियों को धमकी दी। इससे केस के प्रभावित होने की आशंका है। सीबीआई ने तेजस्वी यादव को रेलवे टेंडर घोटाला मामले में मिली जमानत को निरस्त करने की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि 28 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 19 जनवरी, 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने लालू यादव को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है।
ईडी ने जिन्हें आरोपित किया है उनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथ मल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्रा. लि. शामिल हैं। लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था।