कोलकाता : राज्य के चर्चित राशन वितरण भ्रष्टाचार के मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में राज्य खाद्य विभाग के अधिकारी आ गए हैं। इस सिलसिले में सबसे पहले गिरफ्तार किए गए राशन कारोबारी बकीबुर रहमान के घर से बरामद हुए खाद्य विभाग के असली सील और मुहरों को लेकर के जांच शुरू हुई है।
ईडी अधिकारी खाद्य विभाग के उन कर्मचारियों और अधिकारियों की तलाश में जुट गए हैं जिन्होंने इन्हें बकीबुर तक पहुंचाया है। यहां तक कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी इस बात से हैरान हैं कि घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार व्यवसायी के पास राज्य सरकार के लॉग-इन आईडी और पासवर्ड कैसे पहुंचे।
गिरफ्तार कोलकाता के व्यवसायी बकीबुर रहमान की राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधीन अधीनस्थ कार्यालयों की साख तक पहुंच थी। छापे और तलाशी अभियान के दौरान, जांच एजेंसी ने रहमान के विभिन्न कार्यालयों से राज्य सरकार की कई मुहरें जब्त की, जो सभी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से जुड़ी थीं। बरामद की गई मुहरों में पश्चिम बंगाल आवश्यक वस्तु आपूर्ति निगम लिमिटेड के साथ-साथ मुख्य निरीक्षक, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के उप-निरीक्षक की मुहरें शामिल हैं।
सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार की मुहरों की बरामदगी और गिरफ्तार व्यवसायी के पास महत्वपूर्ण लॉग-इन आईडी और उनके पासवर्ड तक पहुंच होना, साबित करता है कि विभाग में उसका कितना प्रभाव और दबदबा था। ईडी अधिकारियों का मानना है कि किसी भी सरकारी विभाग में किसी भी कारोबारी का इस तरह का प्रभाव और दबदबा तब तक संभव नहीं है जब तक कि कारोबारी को उच्च अधिकारियों का समर्थन प्राप्त न हो। इस बीच, राज्य के निवर्तमान वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, जिन्होंने पूर्व खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के रूप में भी काम किया था, इस मामले में अपनी कथित संलिप्तता को लेकर वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। सूत्रों ने कहा कि ईडी ने पैकेज्ड आटा विपणन संस्थाओं के गठजोड़ के साथ रहमान के संबंधों की भी पहचान की है, जिन्हें वह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से आटा बेचता था।