- गवर्नर दास ने कहा-वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी 6.4 फीसदी रहने का अनुमान
नयी दिल्ली/मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। आरबीआई ने मौजूदा चालू वित्त वर्ष में लगातार छठी बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के साथ ही रेपो रेट बढ़कर 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक के रेपो दर में इजाफा के बाद होम लोन, कार लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन चली समीक्षा बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया। शक्तिकांत दास ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि जनवरी-मार्च 2023 के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर 5.6 फीसदी रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल इसी समय पर यह 5.9 फीसदी रही थी।
आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया। हालांकि, दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 फीसदी ही रखा गया है। उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 में महंगाई दर 4 फीसदी के दायरे से ऊपर रहने की संभावना जताई है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने इससे पहले दिसंबर, 2022 में रेपो दर में 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 6 बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा किया है। इससे पहले रेपो दर तीन बार 0.50 फीसदी तक बढ़ाई गई। चालू वित्त वर्ष की पहली एमपीसी बैठक में रेपो दर 4 फीसदी पर स्थिर था, लेकिन 2 और 3 मई को आपात बैठक बुलाकर आरबीआई ने रेपो दर 0.40 फीसदी बढ़ाया था। इस तरह रेपो दर 4 फीसदी से बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंचा गया, जो इस बढ़ोतरी के बाद 6.50 फीसदी हो गया है।