– जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटाकर 7 फीसदी किया
– रिजर्व बैंक ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में की बढ़ोतरी की
– नीतिगत ब्याज दर 0.50 फीसदी बढ़कर 5.90 फीसदी पर
नयी दिल्ली/मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लगातार चौथी बार नीतिगत ब्याज दर में इजाफा किया है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी से बढ़कर 5.90 फीसदी हो गई है, जो तीन साल में सबसे अधिक है। रेपो रेट में बढ़ोतरी से होम लोन, ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो सकता है और आपको ज्यादा ईएमआई चुकानी होगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया। दास ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक के बाद कहा कि महंगाई पर नियंत्रण पाने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने बहुमत से रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है। इस तरह महंगाई को काबू में करने के लिए रिजर्व बैंक ने इस चालू वित्त वर्ष में रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। आरबीआई की गवर्नर दास ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ आज भी सबसे बेहतर है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मांग बेहतर रहने से आर्थिक वृद्धि दर 6.3 फीसदी रह सकती है। वहीं, मौजूदा वित्त वर्ष के लिए खुदरा महंगाई अनुमान 6.7 फीसी पर बरकरार रखा है। इसी के साथ ही एसडीएफ 5.15 फीसदी से बढ़कर 5.65 फीसदी कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले रिजर्व बैंक ने बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी, जून में 0.50 फीसदी और अगस्त में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था। इस तरह चालू वित्त वर्ष में आरबीआई ने नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में मई से लेकर अबतक 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जो बढ़कर 5.90 फीसदी हो गया है।