नयी दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में धूम मचाने के बाद अब “खेला होबे” नारे का शोर संसद परिसर तक पहुंच गया है। गुरुवार को नयी दिल्ली में संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बंगाल चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. शांतनु सेन ने “खेला होबे” पुस्तक का विमोचन किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरे देश में केंद्र सरकार की देश विरोधी नीतियों के खिलाफ “खेला होबे” एक उम्मीद बन गया है। बंगाल चुनाव के समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी नारे से बड़े-बड़े धुरंधरों के तमाम दुष्प्रचार के बावजूद राजनीतिक बाजी को जीत में बदल दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में जब पूरे देश के राजनीतिक पटल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा है, ऐसे में बंगाल की अग्निकन्या ने इस नारे के जरिए उनके सारे राजनीतिक धुरंधरों को धूल चटा दी थी। यह नारा वर्तमान दौर में प्रासंगिक है, जब आम जनता महंगाई से त्रस्त है। यह नारा अब पूरे देश में बंगाल की तरह, विपक्षी दलों में एकजुटता बनाने में कारगर साबित होगी। इस मौके पर गंभीर समाचार के प्रधान संपादक अजय कुमार मोहता और कार्यकारी संपादक विवेक शुक्ला ने पुस्तक की एक प्रति सांसद सेन को भेंट की। इस पुस्तक को बांग्ला पत्रकार तापस प्रमाणिक ने लिखा है।
उल्लेखनीय है कि “खेला होबे” पुस्तक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा चुनाव की रणनीति पर केंद्रित है। इसमें उन रणनीतियों का विश्लेषण किया गया है, जिनके जरिए ममता बनर्जी ने सरकार विरोधी की लहर के बावजूद विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था।