कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 125वीं जयंती के मौके पर आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने इंडिया गेट से अमर जवान ज्योति को दूसरी जगह शिफ्ट करने और वहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने पर केंद्र सरकार की शैली पर सवाल उठाए। बंगाल में रविवार सवा 12 बजे घर घर शंख बजाकर नेताजी को श्रद्धांजलि दी गई।
रविवार को मुख्यमंत्री बनर्जी ने मेयो रोड स्थित नेताजी की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर बनर्जी ने कहा कि अमर जवान ज्योति को बुझा कर और उस जगह पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाकर उन्हें वास्तविक सम्मान नहीं दिया जा सकता। उन्होंने ऐलान किया कि नेशनल कैडेट कॉर्प (एनसीसी) के तर्ज पर पश्चिम बंगाल के स्कूलों में भी जय हिंद वाहिनी का गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वार मेमोरियल को लेकर राजनीति हो रही है लेकिन शहीदों में कोई भेदभाव नहीं होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इतिहास को मिटाया जा रहा है। अमर ज्योति को बुझाकर नेताजी की मूर्ति स्थापित कर सम्मान नहीं दिया जा सकता है। अब मूर्ति बनायी जा रही है, लेकिन बंगाल में पहले ही मूर्ति है। लोग स्वतंत्र रूप से बोलने से भयभीत होते हैं।
इस अवसर पर बंगाल के संस्कृति विभाग ने कार्यक्रम का आयोजित किया। रविवार को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर एक साइरन बजाया गया। बंगाल में घरों में शंख बजाए गए। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने खुद शंख बजाकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर नेताजी परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे। भारत सेवाश्रम सहित विभिन्न वर्ग के लोगों ने इस अवसर पर नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने सालभर कार्यक्रमों के आयोजन लिए एक समिति भी गठित की है। इस दौरान नेताजी की 125वीं जयंती के मौके पर यहां एक विशाल ‘पदयात्रा’ का आयोजन भी किया जाएगा।