कोलकाता : आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तीन महीने पहले हुई एक महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई की जांच में “देरी” हो रही है। इस पर नाराजगी जताते हुए माकपा और उसके संबद्ध संगठनों ने गुरुवार को साल्ट लेक स्थित सीबीआई कार्यालय तक रैली निकाली।
इस रैली में हजारों माकपा कार्यकर्ता, डीवाईएफआई (डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया) और एसएफआई (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) के सदस्य शामिल हुए। वे लाल झंडे लिए, गीत गाते और नारे लगाते हुए उल्टाडांगा से सीबीआई कार्यालय तक करीब दो किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचे।
इस जुलूस का नेतृत्व माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती और पार्टी के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने किया। चक्रवर्ती ने कहा कि इस जघन्य अपराध को हुए 100 दिन से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन सीबीआई मुख्य आरोपित संजय रॉय को छोड़कर अन्य अपराधियों और साजिशकर्ताओं तक नहीं पहुंच पाई है। यह मामला बंगाल की छवि को धूमिल करने वाला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि हमें केंद्र की भाजपा सरकार और तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बीच मिलीभगत की गंध आ रही है, ताकि अपराधियों को बचाया जा सके। जब तक न्याय नहीं मिलता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
डीवाईएफआई की नेता मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि नौ अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई इस घटना के बाद राज्य में महिलाओं के खिलाफ कई अन्य गंभीर अपराध और हत्याएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि अगर जांच एजेंसियां ऐसे मामलों को सतही तरीके से लेंगी, तो भविष्य में ऐसे और अपराध बढ़ेंगे।
रैली के दौरान सीबीआई कार्यालय के सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बंद गेट पर सीआईएसएफ कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। इस पर माकपा कार्यकर्ताओं ने बाहर ही नारेबाजी जारी रखी। मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।