कोलकाता : कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में “धमकी संस्कृति” के आरोपों की जांच के लिए गठित आंतरिक जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट बुधवार प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट में 37 लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। यह जांच 59 लोगों, जिनमें वरिष्ठ और कनिष्ठ डॉक्टर शामिल थे, के खिलाफ की गई थी, जिन पर अस्पताल परिसर में “धमकी संस्कृति” फैलाने का आरोप था।
सूत्रों के अनुसार, 59 लोगों में से 37 के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की गई है, जबकि 16 अन्य के खिलाफ मामूली अनुशासनात्मक कार्रवाई की सलाह दी गई है। वहीं, शेष छह लोग निगरानी में रहेंगे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम ने अपने साथी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ अपनी हड़ताल फिर से शुरू कर दी है। फोरम की 10-सूत्रीय मांगों में “धमकी संस्कृति” का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है।
फोरम ने मांग की है कि हर मेडिकल कॉलेज में ऐसे जांच समितियों का गठन हो, जो “धमकी सिंडिकेट” में शामिल लोगों की जांच करें और उन्हें दंडित करें। इसके साथ ही राज्य स्तर पर भी एक जांच समिति गठित की जाए।
पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल पहले ही कुछ डॉक्टरों को इस संबंध में निलंबित कर चुकी है, जिन पर “धमकी संस्कृति” में शामिल होने का आरोप था। इनमें से कुछ को राज्य स्वास्थ्य विभाग ने भी निलंबित कर दिया है।
जिन डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, वे पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाते हैं, जो वर्तमान में बलात्कार और हत्या के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। घोष के खिलाफ दो समानांतर जांच चल रही हैं, एक बलात्कार और हत्या के मामले में और दूसरी आर.जी. कर में वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है।