कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायकों ने शहरी विकास मंत्री एवं कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को विधायक पद से हटाने की मांग को लेकर भारी हंगामा करने के बाद सदन से वॉकआउट किया।
शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम द्वारा एक सामुदायिक सभा में दिए गए हालिया बयान पर चर्चा की मांग की। इस सभा में हकीम ने गैर-मुसलमानों के बीच इस्लाम के प्रसार की बात कही थी।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने भगवद गीता की प्रतियां लेकर सदन के वेल में प्रवेश किया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनके नारों की अनदेखी करते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही जारी रखी, जिसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर विधानसभा लॉबी में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने मीडिया से कहा, “फिरहाद हकीम एक मजहबी संगठन द्वारा आयोजित सभा में मंत्री और नगर मेयर के रूप में गए थे। वहां उन्होंने ऐसे विवादित बयान दिए। हमारी मांग थी कि मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। लेकिन अध्यक्ष ने हमें स्थगन प्रस्ताव पढ़ने तक की अनुमति नहीं दी। अध्यक्ष का तर्क था कि यह मामला विधानसभा या राज्य सरकार से संबंधित नहीं है।”
अध्यक्ष के इस निर्णय पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शुभेंदु ने कहा, “मंत्री ने भारतीय संविधान के प्रावधानों के अनुसार शपथ ली है, इसलिए उन्हें अन्य समुदायों के लोगों का अपमान करने का कोई अधिकार नहीं है। हम उनके विधायक पद से हटाने की मांग करते हैं। आने वाले दिनों में हम इस मांग के समर्थन में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
इस हंगामे ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक और विवाद को जन्म दिया है, जिससे राज्य की राजनीति में उथल-पुथल और बढ़ सकती है।