लॉस एंजेल्स : रूस-यूक्रैन युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में 8 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि हुई है। दुनिया में रूस के कच्चे तेल के बहिष्कार से ग्लोबल ब्रेंट क्रूड आयल की कीमतें बढ़कर 113.58 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सस इंटरनेशनल की कीमत 109.78 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।
खाड़ी में कच्चे तेल के उत्पादन करने वाले संगठन (ओपेक) के अलावा दुनिया में रूस और अमेरिका ऐसे दो बड़े देश हैं जो 10 प्रतिशत से अधिक तेल उत्पादन में क्षमता रखते हैं।
एनर्जी आसपेक्ट की सह-संस्थापक अमृता सेन ने कहा है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों की ओर से आर्थिक प्रतिबंधों के बाद रूस की ओर से उत्पादित कच्चे तेल का 70 प्रतिशत तेल, घटी कीमतों पर भी उठाने को तैयार नहीं है। इसका बड़ा कारण रूस के बड़े बैंकों पर प्रतिबंध और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था स्विफ्ट (SWIFT) से मुद्रा के लेनदेन में एक बड़ी बाधा को बताया जा रहा है।
अमेरिका की संवाद समिति सीएनबीसी ने कहा है कि ब्रेंट बैंचमार्क कच्चे तेल में इतनी वृद्धि 2011 के बाद पहली बार हुई है। कहा जा रहा है कि कच्चे तेल की कीमतें 120 डालर प्रति बैरल तक जा सकती हैं, जो दुनिया भर के आम तेल उपभोक्ताओं के लिए पीड़ादायक हो सकती है।