आसनसोल : काफी दिनों से फरार चल रहे बालू माफिया परवेज आलम सिद्दीकी को शनिवार की शाम बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया गया। ज्ञात हो कि परवेज आलम सिद्दीकी पर अवैध बालू कारोबार चलाने का आरोप है। तीन तिकड़ी की सांठगांठ से पश्चिम वर्दवान जिले में अवैध बालू कारोबार धरल्ले से चलने का आरोप काफी दिनों से लग रहा था। डीएम और पुलिस कमिश्नर के तबादले के बाद जिले में कोयला, बालू एवं अन्य अवैध कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया था। सुजय पाल उर्फ केबू, शिवशंकर मिश्रा एवं परवेज आलम सिद्दीकी की ये तिकड़ी अवैध चालान बनाकर बालू तस्करी के धंधे को बेख़ौफ़ अंजाम दे रही थी। सिर्फ अवैध रोड चालान ही नहीं, यह तिकड़ी अवैध बालू खनन में भी भागीदार थी, ऐसा आरोप इन पर लगता आ रहा था। सूत्र की मानें तो कुछ दिन पहले इस तीन तिकड़ी में से दो की गिरफ्तारी हो चुकी थी। आरोपी केबू की गिरफ़्तारी के बाद उससे की गई पूछताछ से पुलिस को परवेज आलम सिद्दीकी के इस अवैध बालू कारोबार में सहयोगी होने का प्रमाण मिला। केबू की गिरफ्तारी के बाद से परवेज फरार चल रहा था। इसके बाद से ही परवेज आलम सिद्दीकी की तलाश पुलिस द्वारा शुरू कर दी गई। उसकी तलाश में पुलिस नेपाल, उत्तर प्रदेश एवं बिहार के कई जगह पर छापेमारी भी कर चुकी थी, ऐसा पुलिस सूत्रों से पता चला है। अन्ततः शनिवार की शाम पुलिस को सफलता मिली। रविवार को आरोपी परवेज सिद्दीकी को दुर्गापुर महकमा अदालत में पेश किया गया। अदालत ने 14 दिनों की रिमांड मंजूर कर आरोपी को आसनसोल – दुर्गापुर पुलिस के खुफिया विभाग को सौंपा। ज्ञात हो कि, परवेज आलम सिद्दीकी पर बीरभूम जिले के जिला आयुक्त के सरकारी आवास पर बम फेंकने का आरोप पहले से है। आसनसोल-दुर्गापुर के नए पुलिस कमिश्नर सुधीर कुमार निलकण्ठम के पदभार संभालने के बाद से ही अवैध कारोबारियों पर पुलिस का शिकंजा कसना काफी तेज हो गया है।