कोलकाता : आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को जमानत मिल गई। सीबीआई शुक्रवार को सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश करने में असमर्थता जताई जिसके बाद दोनों को जमानत मिल गई। दोनों पर दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप है।
हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद संदीप घोष की अभी जेल से रिहाई नहीं होगी क्योंकि आरजी कर अस्पताल के आर्थिक भ्रष्टाचार मामले में उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया गया था और उस मामले में अभी जमानत नहीं मिली है। दूसरी ओर, अभिजीत मंडल के खिलाफ कोई अन्य मामला नहीं है, जिससे वह जेल से बाहर आ सकते हैं।
शुक्रवार को सीबीआई अदालत में आरजी कर मामले की सुनवाई हुई। सीबीआई ने अदालत को बताया कि संदीप और अभिजीत की गिरफ्तारी के 90 दिन पूरे हो चुके हैं लेकिन वे सप्लिमेंट्री चार्जशीट दाखिल नहीं कर सके।
आरोपितों के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल 90 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं और कानूनी प्रावधानों के तहत उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद संदीप घोष और अभिजीत मंडल को जमानत दे दी।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि जांच अभी जारी है और जल्द ही सप्लिमेंट्री चार्जशीट पेश की जाएगी।
9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोप में कोलकाता पुलिस ने एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया था। इस घटना में सबूत नष्ट करने के आरोप में 14 सितंबर को सीबीआई ने संदीप घोष और अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने दावा किया था कि घटना के दिन संदीप और अभिजीत के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई और उनके फोन से कुछ संदिग्ध वीडियो मिले हैं। साथ ही, आरोपितों ने घटना को छिपाने के लिए कई फोन कॉल किए थे और कुछ गवाहों से भी संपर्क किया था।