संदीप घोष ने दिया सेमिनार हॉल की दीवार तोड़ने का आदेश!

कोलकाता : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर आरोप है कि उन्होंने उस सेमिनार हॉल के पास नवीनीकरण के नाम पर दिवार तोड़ने का आदेश दिया था, जहां महिला चिकित्सक के साथ दरिंदगी हुई थी। बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने गुरुवार को इस मामले में संदीप घोष का नाम सामने रखा है।

मजूमदार ने एक पत्र साझा किया, जिसमें संदीप घोष के हस्ताक्षर होने का दावा किया जा रहा है। इस पत्र में हॉल के पास नवीनीकरण कार्य की अनुमति दी गई थी। इस घटना के सामने आने के बाद, बीजेपी के नेतृत्व वाले विपक्ष ने आरोप लगाया कि अपराध स्थल के सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है।

पत्र के अनुसार, संदीप घोष ने 10 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल के पास शौचालयों की मरम्मत का आदेश दिया था, जो पीड़िता की मौत के एक दिन बाद का था। जबकि इस आदेश को लेकर पुलिस आयुक्त ने किसी तरह की छेड़छाड़ से इनकार किया है, एचटी इस पत्र की सत्यता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सकता है।

इस पत्र में लिखा है, “आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, कोलकाता के विभिन्न विभागों में ऑन-ड्यूटी डॉक्टरों के कमरे और संलग्न शौचालयों में कमियां हैं। आपसे अनुरोध है कि इसे तुरंत पूरा करें। इस मुद्दे पर पहले ही स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, पश्चिम बंगाल सरकार के प्रधान सचिव और मेडिकल शिक्षा निदेशक के साथ बैठक में चर्चा की जा चुकी है।”

वहीं, पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बताया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है। पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी का शव देखने के लिए तीन घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा।

इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने भी इस मामले में बंगाल सरकार से एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर सवाल उठाए हैं। वहीं, सीबीआई ने वित्तीय अनियमितताओं, जिनमें शवों की बिक्री भी शामिल है, के आरोप में इस सप्ताह संदीप घोष को गिरफ्तार किया है।

डॉक्टर की हत्या उस समय की गई थी जब वह अपनी 36 घंटे लंबी ड्यूटी के दौरान सेमिनार हॉल में विश्राम कर रही थीं। पुलिस ने इस मामले में एक सिविल वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया है।

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