नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में आज पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले को उठाया गया। वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले बेंच के समक्ष इस मामले को मेंशन किया। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले को ई-मेल करें, हम देखेंगे।
मेंशनिंग के दौरान जब चीफ जस्टिस ने अलख आलोक श्रीवास्तव से कहा कि आप ई-मेल करें, हम देखेंगे। तब श्रीवास्तव ने कहा कि हमने मेल किया है। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि आपने कब मेल किया? तब श्रीवास्तव ने कहा कि सुबह मेल किया है। इस पर चीफ जस्टिस ने श्रीवास्तव पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप सुबह मेल करते हैं और फिर मेंशन कर दबाव बनाना चाहते हैं। कम से कम कुछ समय तो देंगे। तब श्रीवास्तव ने कहा कि मामला बहुत जरूरी है, लिहाजा मामले में तत्काल सुनवाई की जाए। इस पर चीफ जस्टिस ने श्रीवास्तव पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट नियमों के तहत काम करेगा, आपके दबाव में हम लिस्टिंग का कोई आदेश जारी नहीं करेंगे।
अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका दायर कर संदेशखाली हिंसा पीड़ितों को मुआवजा देने और इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। याचिका में इस मामले का ट्रायल पश्चिम बंगाल से बाहर कराने की मांग की गई है। इसके अलावा इस मामले की जांच उसी तरह करने की मांग की गई है, जैसे मणिपुर हिंसा मामले की जांच तीन जजों की कमेटी ने की।