कोलकाता : करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती मामले में बुधवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के समन के बाबजूद पूछताछ में शामिल न होने पर विपक्ष ने तृणमूल युवा कांग्रेस की अध्यक्ष और अभिनेत्री सायनी घोष की तीखी आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि पहली बार पूछताछ में उन्होंने कहा था कि जब बुलाएंगे तब जाऊंगी लेकिन बुलाए तो गई नहीं। यानी वह अपने रुख से गिरफ्तारी के डर से यू टर्न ले रही हैं।
हालांकि राज्य तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बताया कि अभिनेत्री से नेता बनीं सायनी ने पूछताछ के लिए उपस्थित होने में असमर्थता के बारे में केंद्रीय एजेंसी को सूचित किया था। हालांकि इस बारे में केंद्रीय एजेंसी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
पता चला है कि घोष आज सुबह अपने आवास से निकली थीं और चुनाव प्रचार करने पहुंची थीं।
माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व पार्टी विधायक तन्मय भट्टाचार्य के अनुसार, “वह बुधवार पूछताछ के लिए क्यों नहीं गई? बात यह है कि उन्होंने खुद पूछताछ में शामिल न होने के अपने फैसले की घोषणा नहीं की और इसके बजाय कुणाल घोष को ऐसा करने के लिए मैदान में उतारा।
भाजपा के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए उनकी पूर्व व्यस्तताएं पूछताछ सत्र को छोड़ने का बहाना नहीं हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि अभी तक यह कहीं नहीं कहा गया कि वह स्कूल भर्ती मामले में आरोपित हैं। केंद्रीय एजेंसी मामले में उपलब्ध जानकारी की क्रॉस चेकिंग के लिए कई लोगों से पूछताछ कर रही है। अगर कोई खुद को निर्दोष होने का दावा करता है तो उसे बिना किसी डर के पूछताछ का सामना करना चाहिए।
कुणाल घोष ने कहा इससे पहले हमारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को तब बुलाया गया था जब वह अपने जन संपर्क (जन जोयार) कार्यक्रम में व्यस्त थे।