कोलकाता : पुरुलिया जिले की झालदा नगरपालिका में एक बार फिर नाटकीय मोड़ आ गया है। गत सोमवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर जिलाधिकारी की निगरानी में चेयरपर्सन के तौर पर तीन नंबर वार्ड से कांग्रेस की पार्षद शीला चटर्जी को चुना गया था। लेकिन सब डिविजनल ऑफिसर (एसडीओ) ने गुरुवार को उनका पार्षद पद ही खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने नगरपालिका में अल्पमत में मौजूद तृणमूल कांग्रेस के 5 नंबर वार्ड से पार्षद सुनील कर्मकार को नया चेयरमैन नियुक्त किया है। एसडीओ के इस कार्य को लेकर चौतरफा आलोचना हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार पर तानाशाही का आरोप लगता है, उसका यह सबसे बड़ा प्रमाण है। मात्र 12 पार्षदों वाली उस नगरपालिका में ममता बनर्जी अपनी हार नहीं स्वीकार कर पा रही हैं, हमारे पार्षद तपन कांदु को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। उसके बाद भी उपचुनाव में कांग्रेस जीत गई। हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को चेयरमैन का चुनाव हुआ। उसमें भी हमारी पार्टी के चेयरमैन को चुना गया लेकिन एसडीओ ने पार्षद का पद खारिज कर दिया है जो बेहद आपत्तिजनक है। इसके खिलाफ एक बार फिर हमलोग कोर्ट जाएंगे।
शीला चटर्जी ने भी कहा कि एसडीओ को इसका परिणाम भुगतना होगा। भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के मुताबिक पार्षद का चुनाव जनता करती है और किसी भी अधिकारी को इसका अधिकार नहीं है कि वह जनप्रतिनिधि का पद खारिज कर सके, तृणमूल के हाथों में खेल रहे प्रशासनिक अधिकारियों को कोर्ट में घसीटा जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 12 पार्षदों वाली नगरपालिका में शीला के पक्ष में 7 पार्षदों ने मतदान किया था जबकि तृणमूल के केवल 5 पार्षद थे। बावजूद इसके अब उनका पार्षद पद खारिज कर दिया गया है।