नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र का दूसरा भाग सोमवार से शुरू होने जा रहा है। कोरोना महामारी की रफ्तार कम होने की वजह से कामकाज सामान्य ढंग से संचालित होगा। दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगी। बजट सत्र के दूसरे भाग में सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता आम बजट और वित्त विधेयक को पारित कराना होगा। विदेश मंत्री एस. जयशंकर बजट सत्र के दूसरे भाग में रूस-यूक्रेन युद्ध और ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत भारतीय छात्रों की निकासी के लिए चलाए जाने वाले अभियान के संबंध में बयान दे सकते हैं। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में तीन नगर निगमों के दोबारा एकीकरण से जुड़ा विधेयक लाया जा सकता है।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि कांग्रेस कल से शुरू हो रहे संसद में बजट सत्र के दूसरे भाग में मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और यूक्रेन से छात्रों की निकासी सहित विभिन्न मुद्दों को उठाएगी। इस बाबात कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक की।
बजट सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की 19 बैठकें होंगी। यानी सत्र के पहले भाग की तुलना में दोनों सदनों में 19 घंटे अधिक काम होंगे।
सत्र के पहले भाग में दोनों सदनों की कार्यवाही अलग-अलग समय पर हुई थी। राज्यसभा सुबह 10 बजे से 3 बजे तक चली और लोकसभा की कार्यवाही 4 बजे से नौ बजे तक चली। लोकसभा की कार्यवाही जहां 9 बजे से भी आगे संचालित हुई थी, लेकिन राज्यसभा को लोकसभा के लिए 3 बजे ही अपने कामकाज को पूरा करना पड़ा था।
राज्यसभा के सूत्रों के मुताबिक अब सदन में सरकारी कामकाज निपटाने के लिए 64 घंटे से ज्यादा का समय मिलेगा। इनके अलावा पहले की तरह अब प्रश्नकाल और शून्यकाल के लिए प्रतिदिन दो घंटे का समय आवंटित किया गया है।
सदन में गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए चार दिन का समय होगा और प्रश्नकाल एक घंटे के लिए जारी रहेगा, जबकि शून्यकाल जिसे पहले भाग के दौरान घटाकर आधा घंटा कर दिया गया था, अब प्रत्येक बैठक में पूरे एक घंटे का होगा।
बैठने की व्यवस्था के अनुसार राज्यसभा में वर्तमान में 237 सदस्यों की कुल संख्या है, जिसमें कुल 245 सांसदों में से आठ रिक्तियां हैं। चैंबर में 139 (3) सांसद बैठे होंगे, जबकि 98 अन्य को एक निश्चित समय में गैलरी में समायोजित किया जाएगा।
इसी तरह, लोकसभा में कुल 538 सदस्य हैं, जिनमें से 282 प्रधानमंत्री सहित कक्ष में बैठ सकते हैं, जबकि शेष 258 एक निश्चित समय में दीर्घाओं में बैठ सकते हैं। कर्मचारियों के टीकाकरण की विस्तृत समीक्षा की गई है तथा दोनों सदनों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।