कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आखिरकार दो साल के कोरोना संकट के बाद माध्यमिक की परीक्षाएं शुरू हो गई हैं। सोमवार को क़रीब 11 लाख छात्र-छात्राएँ अपने होम स्कूल से अलग परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दे रहे हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परीक्षार्थियों को शुभकामनाएं दी हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि यह आपके जीवन की पहली बड़ी परीक्षा है। आप आत्मविश्वासी रहिए और निश्चित तौर पर सफल हो जाइएगा। इस विशाल परीक्षा व्यवस्था में सभी से सहयोग की अपील कर रही हूं।
परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए राज्य सरकार ने कई संवेदनशील हिस्सों में कुछ दिन के लिए इंटरनेट बंद करने का निर्णय लिया है। पहले की तरह ही परीक्षा कक्ष में मोबाइल, स्मार्ट वाच और किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के साथ प्रवेश वर्जित है। पहले यह भी सुझाव दिया गया है कि वाट्सएप पर प्रश्नों को लीक होने से रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों के पास इंटरनेट सेवा को परीक्षा चलने तक बंद कर दिया जाए, हालांकि इसे व्यवहारिक नहीं पाया गया। उम्मीदवार पारदर्शी बोर्ड या क्लिप बोर्ड अपने साथ ले जा सकते हैं। वे अपने पास पानी की बोतल, मास्क और सैनिटाइजर भी रख सकते हैं। राज्य प्रशासन ने माध्यमिक परीक्षा से संबंधित कंट्रोल रूम गत 26 फरवरी से शुरू किया गया है। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर 033 23213626 समेत कई नंबर दिए गए हैं। परीक्षा खत्म होने तक हेल्पलाइन खुली रहेगी। माध्यमिक परीक्षा सात से 16 मार्च तक चलेगी। परीक्षा सुबह 11.45 बजे से अपराह्न तीन बजे तक चलेगी।
छात्रों के मुकाबले अधिक है छात्राओं की संख्या
इस वर्ष माध्यमिक परीक्षा में 11 लाख 26 हजार 63 परीक्षार्थी बैठेंगे। इनमें पांच लाख 59 छात्र और छह लाख 26 हजार 604 छात्राएं हैं। इस साल कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है। माध्यमिक परीक्षाएं इस साल राज्य के चार हजार 194 परीक्षा केंद्रों पर होंगी। प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर आइसोलेशन रूम की व्यवस्था की गई है।