इतिहास के पन्नों में 01 सितंबर की तारीख देश और दुनिया के लिए बहुत खास है। इस तारीख को देश और दुनिया में बहुत सी बड़ी घटनाएं घटी थीं। भारत के लिए यह तारीख इसलिए भी खास है क्योंकि 01 सितंबर 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की स्थापना हुई थी। ‘जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी’ जैसी असरदार टैगलाइन के साथ एलआईसी ने देश के लाखों लोगों को बीमा की सेवाएं देनी शुरू की थीं।
इसके अलावा पढ़ने-लिखने के काम में लगे लोगों के लिए शब्दकोश या डिक्शनरी का प्रयोग अनिवार्य है और शब्दकोश को तैयार करना अपने काम में बहुत मुश्किल काम माना जाता है। भारत में शब्दकोश का जिक्र आते ही फादर कामिल बुल्के का नाम जहन में आता है। प्रसिद्ध साहित्यकार फादर बुल्के का जन्म भी एक सितंबर, 1909 को ही हुआ था। मशहूर पटकथा लेखक, नाट्य निर्देशक, कवि और अभिनेता हबीब तनवीर का जन्म भी 01 सितंबर 1923 को हुआ था। इस तारीख को ग्रेट कैंटो भूकंप ने जापान के टोक्यो और योकोहामा शहरों में भारी तबाही मचायी थी। चीन ने तिब्बत होते हुए नेपाल जाने वाले अपने एकमात्र रास्ते को इसी तारीख को बंद किया था।
हिटलर के नेतृत्व में 01 सितंबर 1939 को करीब 15 लाख सैनिकों ने पोलैंड पर आक्रमण किया था। पोलैंड की सेना ने जर्मनी का सामना तो किया, लेकिन टिक नहीं सकी और अक्टूबर तक पोलैंड पर जर्मनी का कब्जा हो गया। पोलैंड पर जर्मनी के हमले के दो दिन बाद ही ब्रिटेन और फ्रांस ने जर्मनी पर जवाबी हमला कर दिया था। इस तरह धीरे-धीरे इस युद्ध में बाकी देश भी कूदते चले गए और ये इतिहास का सबसे लंबा चलने वाला युद्ध बन गया। हालांंकि, दूसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत का ये केवल तात्कालिक कारण था। माना जाता है कि दूसरे विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पहले विश्वयुद्ध के खत्म होने के साथ ही तैयार हो गई थी।
पहले विश्वयुद्ध के बाद यूरोप में हिटलर और मुसोलिनी जैसे तानाशाह सत्ता में आए। दोनों ही राष्ट्रवाद की उग्र भावना को भड़काकर सत्ता में आए थे। पेरिस शांति सम्मेलन में इटली को कुछ खास फायदा नहीं हुआ था, इस वजह से इटली में असंतोष की भावना थी। जर्मनी में हिटलर भी इसी तरह कुछ कर रहा था।
एक दूसरी वजह, साम्राज्यवाद की भावना को भी माना जाता है | 1931 में जापान ने चीन पर आक्रमण कर दिया और मंचूरिया को अपने कब्जे में ले लिया। 1935 में इटली ने इथोपिया पर और 1938 में जर्मनी ने ऑस्ट्रिया पर हमला कर अपनी साम्राज्यवादी नीतियों का प्रदर्शन किया था।
इस तरह जर्मनी, इटली और जापान तीनों का एक गुट बन गया, जिसे धुरी राष्ट्र के नाम से जाना गया। दूसरी तरफ फ्रांस, इंग्लैंड, अमेरिका और सोवियत संघ का अलग गुट बना, जिसे मित्र राष्ट्र के नाम से जाना गया। धीरे-धीरे इस युद्ध का दायरा फैलता गया और 60 से भी ज्यादा देश इसमें शामिल हो गए। 6 साल तक ये युद्ध चला। मरने वालों की कोई गिनती नहीं है, लेकिन माना जाता है कि इस युद्ध में 7 करोड़ से भी ज्यादा लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हो गए। 6 साल बाद जापान पर परमाणु हमले के बाद इस युद्ध का अंत हुआ। यह इतिहास का सबसे विनाशकारी युद्ध साबित हुआ।