देश-दुनिया के इतिहास में 19 सितंबर को अहम स्थान है। देश के अंतरिक्ष इतिहास में भी यह तारीख मील का पत्थर है। दरअसल भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर, 1965 को हुआ था। अमेरिकी नौसेना की अधिकारी सुनीता विलियम्स को नासा ने अंतरिक्ष यात्रा पर भेजा था। अमेरिका के ओहायो राज्य के यूक्लिड शहर में जन्मीं सुनीता विलियम्स ने 195 दिन तक अंतरिक्ष में रहने का विश्व रिकार्ड बनाया और एक महिला यात्री के तौर पर सबसे ज्यादा बार अंतरिक्ष में चहलकदमी करने का रिकार्ड भी एक समय उनके नाम पर रहा।
सुनीता विलियम्स सोमवार को 56 वर्ष की हो जाएंगी। उनके पिता भारत के गुजरात के रहने वाले हैं। उनकी मां स्लोविनिया से हैं। इस नाते सुनीता का संबंध भारत से गहरा है। सुनीता विलियम्स ने साल 1983 में मैसाचुसट्स में नीधम हाईस्कूल से पढ़ाई पूरी की। उन्होंने यूनाइटेड स्टेट नेवल अकादमी से फिजिकल साइंस में बैचलर डिग्री ली। इसके बाद इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की।1987 में उनको अमेरिकी नौसेना में शामिल किया गया। छह महीने के अस्थायी असाइनमेंट के बाद उनको बेसिक डाइविंग अफसर नियुक्त किया गया। 1998 में सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू किया।
सुनीता विलियम्स ने अपने इंटरव्यू में अपनी अंतरिक्षा यात्रा से जुड़ी एक दिलचस्प किस्सा सुनाया था। उन्होंने कहा था कि वो अपनी अंतरिक्ष यात्रा में अपने साथ भगवद गीता, भगवान गणेश की मूर्ति और समोसा साथ लेकर गई थीं। सुनीता विलियम्स को दो बार डिफेंस सुपीरियर सर्विस मेडल, दो बार नेवी कमेंडेशन मेडल, एक बार लिजन ऑफ मेरिट और मरीन क्रॉप अचिवमेंट मेडल से नवाजा जा चुका है।