देश-दुनिया के इतिहास में 25 सितंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत और अमेरिका के लिए भी खास है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 1992 में 25 सितंबर को ही मार्स ऑर्बिटर लॉन्च किया था।
इस रोबोटिक स्पेस प्रोब का मिशन मार्स यानी मंगल ग्रह की छानबीन करना था। हालांकि, एक साल बाद इस मिशन से सभी तरह का कम्युनिकेशन खत्म हो गया। इस मिशन की नाकामी के बावजूद नासा ने मार्स ग्लोबल सर्वेयर (1996), फीनिक्स (2007) लॉन्च किए।
यह तारीख दो भारतीय महापुरुषों की जयंती के लिए भी जानी जाती है। यह हैं जनसंघ के संस्थापक सदस्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय और दूसरे हैं महान रॉकेट वैज्ञानिक सतीश धवन। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा जिले में हुआ था। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान 1937 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े।
इस बीच श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने संघ की मदद से भारतीय जनसंघ बनाया तो संघ ने संगठन का काम देखने के लिए उपाध्याय को राजनीति में भेज दिया। 1967 में उपाध्याय ने पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर कामकाज संभाला। 11 फरवरी 1968 को रहस्यमय हालात में मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पास वह मृत पाए गए।
दुनिया के दिग्गज अंतरिक्ष विशेषज्ञ और भारतीय प्रो. सतीश धवन का जन्म 25 सितंबर को 1920 में हुआ था। प्रोफेसर धवन ने विक्रम साराभाई के बाद 1972 में इसरो प्रमुख का पद संभाला। उन्हें भारत में प्रायोगिक फ्लूड डायनमिक्स रिसर्च का पितामह माना जाता है। भारतीय उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र श्री हरिकोटा को अब प्रो. सतीश धवन स्पेस सेंटर के नाम से जाना जाता है।