पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे शहबाज शरीफ

◆  इमरान खान की पार्टी ने नेशनल असेंबली के विशेष सत्र का बहिष्कार किया

इस्लामाबाद : पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री होंगे। उन्हें सोमवार रात प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। पाकिस्तान में नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए बुलाए गए नेशनल असेंबली के विशेष सत्र में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने प्रधानमंत्री चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। पीटीआई के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी ने इमरान शासन की उपलब्धियां गिनाने के बाद चुनाव में हिस्सा न लेने की घोषणा की।

पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव से इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के बाद रविवार को नया प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई। विपक्ष की ओर से पाकिस्तान मुस्लिम लीग – नवाज (पीएमएल-एन) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन कराया था। उधर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पूर्व व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को प्रत्याशी बनाया था। कुरैशी ने भी नामांकन कर दिया था।

सोमवार दोपहर बाद नेशनल असेंबली में नए प्रधानमंत्री के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुरैशी ने इमरान खान की साढ़े तीन साल की सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए नई सरकार गठन की प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया। एक साथ पीटीआई व उसके समर्थक दलों ने नेशनल असेंबली का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने भी इस्तीफे का ऐलान कर दिया।

इसके बाद कार्यवाहक स्पीकर अयाज सादिक ने चुनाव प्रक्रिया संचालित की। इस प्रक्रिया में शहबाज शरीफ अकेले प्रत्याशी बचे थे और उनका प्रधानमंत्री बनना तय हो गया। अब देर शाम शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी। दिन भर पाकिस्तान में राजनीतिक घटनाक्रम में खासी उठापटक चली। पहले बीच पीटीआई के प्रधानमंत्री उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी ने पीटीआई के सभी सांसदों के इस्तीफा देने की खबरों का खंडन किया।

उन्होंने कहा कि पीटीआई कोर कमेटी की बैठक में अधिकांश सांसदों का मानना था कि नेशनल असेंबली में रहकर अंदर और बाहर नई सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाए। बाद में इमरान खान की अध्यक्षता में हुई पीटीआई सांसदों की बैठक में इस मसले पर साफ दो फाड़ नजर आया। सांसदों का एक समूह इस्तीफे का पक्षधर था, वहीं दूसरा इस्तीफा न देकर संघर्ष की बात कर रहा था। बाद में इसके अधिकार इमरान को सौंप दिये गए।

इमरान ने नेशनल असेंबली से इस्तीफे का ऐलान किया और कहा कि वे ऐसे भ्रष्ट लोगों के साथ असेंबली में नहीं बैठेंगे। इसी तरह प्रधानमंत्री चुनाव को लेकर भी भ्रम रहा। सुबह पीटीआई के महासचिव असद उमर ने पार्टी के सभी सांसदों से शाह महमूद कुरैशी को जिताने के लिए प्रधानमंत्री पद के चुनाव के दौरान नेशनल असेंबली में मौजूद रहने की अपील की थी। उन्होंने पार्टी से बगावत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। शाम होते होते पीटीआई सदस्यों द्वारा प्रधानमंत्री चुनाव के बहिष्कार की बात सामने आई।

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