कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना समेत राज्य के फंड के भुगतान के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में हो रहे इस धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में पार्टी के सारे सांसद और अन्य महत्वपूर्ण नेता उपस्थित है। प्रदर्शन की शुरुआत महात्मा गांधी की जयंती वाले दिन राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि से हुई। दिलचस्प तौर पर यहां नेताओं के सामान भी खूब चोरी हो रहे हैं।किसी के जूते चोरी हो गए हैं तो किसी का मोबाइल। कई नेता तो रास्ता भी भटक जा रहे हैं।
तृणमूल की संसद शताब्दी राय और राज्यसभा सांसद शांतनु सेन का मोबाइल खो गया है। दोनों ने दिल्ली पुलिस के पास लिखित में शिकायत भी दर्ज कर दी है। दोनों का फोन कुछ समय तक तो बजा लेकिन फिर स्विच ऑफ हो गया।
पता चला है कि राजघाट पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने जब विरोध प्रदर्शन के लिए ये लोग पहुंचे थे तो पुलिस ने पर्याप्त समय दिया। लेकिन आवश्यकता से अधिक समय तक तृणमूल के कार्यकर्ताओं के साथ यहां उन्हें रुकने की अनुमति नहीं दी गई। पुलिस ने जब खदेड़ना शुरू किया तो हड़बड़ी में दोनों का फोन खो गया। राज्य के विद्युत मंत्री अरूप विश्वास और अग्निशमन मंत्री सुजित बसु के जूते चोरी हो गए हैं।
राजघाट पर गांधी जी की समाधि पर जब पुष्पांजलि के लिए दोनों ने जूते खोल थे और वापस लौटे तो वहां थे ही नहीं। खाली पैर ही गाड़ी में बैठकर लौटना पड़ा। अरूप ने तो आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने पैर में उन्हें मारा जिसकी वजह से उनके जूते खो गए। उन्हें चोट भी लगी है। तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने भी अपना आपा खो दिया और मीडिया के कैमरे के सामने ही चिखते-चिल्लाते नजर आए।