भाजपा के लिए मरुस्थल बनी ‘सिवालखास’, केवल एक बार खिला ‘कमल’

मेरठ : मेरठ जनपद की सिवालखास सीट हमेशा से भाजपा के लिए मरुस्थल साबित हुई है। केवल 2017 में ही सिवालखास सीट पर कमल खिला। इससे पहले भाजपा प्रत्याशियों को यहां हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने मौजूदा विधायक जितेन्द्र सतवाई का टिकट काटकर जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन मनिंदर पाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

कभी सिवालखास में चलता था कांग्रेस का सिक्का

सिवालखास विधानसभा का गठन 1974 में (सुरक्षित) सीट के रूप में हुआ। 1974 के चुनाव में कांग्रेस के रामजीलाल सहायक विधायक चुने गए। 1977 के चुनावों में जनता पार्टी के हरि सिंह चुनाव जीत गए। 1980 में कांग्रेस के हेमचंद्र निमेष को विजय मिली। 1985 में फिर से कांग्रेस के नानक चांडी विधायक बनने में कामयाब रहे। इसके बाद से कांग्रेस का प्रत्याशी कभी सिवालखास सीट से नहीं जीत पाया।

चरण सिंह के बाद नहीं जीता कोई दोबारा चुनाव

सिवालखास सीट का इतिहास बताता है कि जनता दल के चरण सिंह के अलावा कोई दूसरा प्रत्याशी दोबारा चुनाव नहीं जीत पाया। 1989, 1991 और 1993 में जनता दल के चरण सिंह को सिवालखास से विधायक बनने में सफल रहे। इसके अलावा कोई प्रत्याशी फिर से चुनाव नहीं जीता। 1996 में भाकिकापा के बनारसी दास चांदना को विजय मिली जबकि 2002 में रालोद के रणवीर राणा विधायक बनने में कामयाब रहे। 2007 में बसपा के विनोद हरित, 2012 में सपा के गुलाम मोहम्मद और 2017 में भाजपा के जितेंद्र सतवाई इस सीट से विधायक बने।

2012 में खत्म हुआ सुरक्षित सीट का दर्जा

2007 तक सिवालखास विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहा। नए परिसीमन में सिवालखास सीट अनारक्षित हो गई। इसके बाद सपा के गुलाम मोहम्मद और भाजपा के जितेंद्र सतवाई चुनाव जीते। तभी से रालोद और सपा के बीच इस सीट को लेकर रस्साकशी चलती रही है। अभी भी सपा और रालोद गठबंधन में अपने पाले में सिवालखास सीट को चाह रहे हैं।

मनिंदरपाल पर ‘कमल’ खिलाने का जिम्मा

1974 से लेकर 2017 तक भाजपा का कोई प्रत्याशी सिवालखास से चुनाव नहीं जीत पाया। 2017 में जितेंद्र सतवाई ने विरोधियों को हराकर जीत हासिल की। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर मनिंदरपाल सिंह को दे दिया है। अब मनिंदरपाल के कंधों पर सिवालखास सीट से ‘कमल’ खिलाने का जिम्मा आ गया है।

सिवालखास विधानसभा क्षेत्र में 2022 की वोटर लिस्ट के अनुसार 03 लाख 37 हजार 04 वोटर है। इनमें 01 लाख 85 हजार 289 पुरुष, 01 लाख 51 हजार 702 महिला और 16 थर्ड जेंडर मतदाता है।

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