दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता कॉलेज लौटने को तैयार नहीं, महिला आयोग से दोस्त ने साझा की आपबीती

कोलकाता : दक्षिण कोलकाता लॉ कॉलेज परिसर में 25 जून की रात सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई पहली वर्ष की छात्रा अब उस कॉलेज में लौटने को तैयार नहीं है। पीड़िता की करीबी मित्र ने यह जानकारी पश्चिम बंगाल महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगुली को दी है।

गांगुली ने शुक्रवार को बताया कि रविवार को आयोग की टीम ने पीड़िता, उसकी मित्र और एक पार्षद के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान छात्रा की मित्र ने स्पष्ट किया कि पीड़िता अब उसी कॉलेज में लौटने की स्थिति में नहीं है, जहां यह भयावह वारदात हुई थी।

लीना गांगुली ने कहा, “उसकी मित्र ने सुझाव दिया है कि छात्रा को कलकत्ता विश्वविद्यालय से संबद्ध किसी अन्य लॉ कॉलेज में स्थानांतरित किया जाए क्योंकि वह मानसिक रूप से इतनी आहत है कि फिर से उसी जगह लौटना उसके लिए संभव नहीं है। हम उसकी चिंता को पूरी तरह समझते हैं।”

महिला आयोग ने राज्य सरकार को आवश्यक सिफारिशें भेज दी हैं ताकि पीड़िता को मनोवैज्ञानिक मदद मिल सके और वह एक सुरक्षित और सहयोगी माहौल में अपनी पढ़ाई जारी रख सके। गांगुली ने कहा, “हमने यह अनुशंसा की है कि अगर आवश्यक हो तो छात्रा को किसी अन्य कॉलेज में स्थानांतरित किया जाए ताकि वह मानसिक तनाव से उबर सके और सामान्य जीवन की ओर लौट सके।”

गौरतलब है कि यह छात्रा 25 जून की रात कॉलेज कैंपस में कथित रूप से तीन घंटे तक सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई थी। उसने अगले दिन एफआईआर दर्ज कराई थी। अब तक पुलिस इस मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।

गिरफ्तार किए गए लोगों में मनोजीत मिश्रा शामिल है, जो इस मामले का मुख्य आरोपित है और कॉलेज का पूर्व छात्र तथा अस्थायी कर्मचारी था। इसके अलावा वर्तमान छात्र प्रमीत मुखर्जी और ज़ैद अहमद को भी पुलिस ने पकड़ा है। कॉलेज का एक सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी भी गिरफ्तार किया गया है। मनोजीत मिश्रा, प्रमीत मुखर्जी और ज़ैद अहमद को 26 जून को जबकि बनर्जी को 27 जून को गिरफ्तार किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *