जयपुर/बीकानेर : पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी को भारतीय सेना से सम्बंधित गोपनीय सूचना भेजने के आरोप में एक संदिग्ध जासूस को बीकानेर जिले से गिरफ्तार किया गया है। वह सोशल मीडिया अकाउंट पर दो युवतियों से चैट के माध्यम से भारतीय सेना से सम्बंधित सामरिक महत्व की सूचना भेज राह था।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस. सेंगाथिर ने बताया कि सोशल मीडिया अकाउंट पर दो युवतियों से चैट के माध्यम से भारतीय सेना से सम्बंधित सामरिक महत्व की सूचना भेजने में लिप्त नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया है। भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के नजदीक स्थित आनन्दगढ खाजुवाला, बीकानेर निवासी नरेंद्र कुमार के खिलाफ क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी विशेष शाखा) जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
सेंगाथिर ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों की पूछताछ के दौरान 22 वर्षीय नरेन्द्र ने बताया कि वह फेसबुक पर पूनम बाजवा के नाम से संचालित अकाउंट के सम्पर्क में आया। पूनम ने स्वयं को भटिंडा निवासी बताते हुए बीएसएफ में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पद पर कार्यरत होना बताया था। पूनम बाजवा ने नरेन्द्र से दोस्ती कर भविष्य में शादी करने का प्रलोभन दिया। इसके बाद पूनम ने उसे एक व्हाट्सएप नंबर साझा किया। नरेन्द्र से निरंतर संपर्क में रहते हुए पूनम अंतरराष्ट्रीय सीमा की संवेदनशील सूचनाएं जैसे कि सड़क, पुल, बीएसएफ पोस्ट, टावर, आर्मी की गाड़ियों की फोटोग्राफ, प्रतिबंधित स्थानों की फोटो ग्राफ एवं वीडियो की मांग करती थी।
नरेन्द्र बॉर्डर क्षेत्र की जानकारी पूनम को व्हाट्सएप पर भेज रहा था। नरेन्द्र ने पूनम के व्हाट्सएप ग्रुप में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र के निवासी व्यक्तियों को सदस्य बनाया था। नरेन्द्र पिछले कुछ समय से एक और महिला पाक हैंडलर के भी संपर्क में था। इस महिला ने स्वयं का नाम सुनीता बताया था। वह खुद को स्थानीय पत्रकार बताते हुए बॉर्डर क्षेत्र की सूचना नरेंद्र से मांगा करती थी। नरेन्द्र इस महिला एजेंट के साथ भी सामरिक सूचनाएं साझा कर रहा था।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस.सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी के लिए काम करने वाली महिलाएं भारत के मोबाइल नम्बर से बनाये गये सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को निशाना बनाती हैं। मोबाइल नम्बर भारत का होने के कारण उन पर किसी को भी शक नहीं होता और भारतीय नागरिक विशेषतः युवा महिलाओं के साथ दोस्ती के चंगुल में फंस जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अनजान पुरुष-महिलाओं से बिना पहचान के दोस्ती करना, मोबाइल नम्बर साझा करना और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं भेजना सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए सभी नागरिकों को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है।