कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार से सबक लेते हुए स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने नियमों में बदलाव करना शुरू कर दिया है। पहले एकेडमिक स्कोर को शामिल कर मेरिट लिस्ट बनाया जाता था लेकिन अब काउंसिलिंग में मिले हुए नंबर पर मेरिट लिस्ट बनेंगे। एसएससी के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार ने बुधवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि एसएससी की ओर से एकेडमिक नंबर को हटाकर काउंसिलिंग के नंबर को जोड़ने की सिफारिश राज्य शिक्षा विभाग को भेज दी गई है। इसका कारण स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि अगर दसवीं पास स्तर पर कोई वैकेंसी निकलती है तो जो लोग 10 साल पहले परीक्षा पास किए हैं उनके मुकाबले आज पास करने वाले के नंबर में बहुत अंतर है। इसके अलावा 10 साल पहले पास करने वाले कई लोग हैं जो दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दिए थे जबकि कम से कम नंबर हासिल करने वाले लोग स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर तक की पढ़ाई पूरी कर चुके हैं इसलिए अब एकेडमिक नंबर का कोई औचित्य नहीं है।
उल्लेखनीय है कि नौवीं और दसवीं श्रेणी की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी जिनका इंटरव्यू ही नहीं लिया गया था। इसे लेकर धांधली के आरोप लगे थे। इस पर सफाई दी गई थी कि उनके एकेडमिक स्कोर को जोड़ा गया था जिस पर और विवाद खड़ा हुआ था। अब इसे विराम देने की कोशिश की जा रही है।