कोलकाता : करुणामयी में शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के मामले में राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। अनशन कर रही महिला शिक्षक आंदोलनकारियों को आधी रात में पुलिस द्वारा उठाए जाने को लेकर मीडिया में कई तस्वीरें प्रकाशित हुई हैं जिसके आधार पर राज्य महिला आयोग ने पत्र लिखकर इस संदर्भ में विधाननगर के पुलिस आयुक्त से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। रविवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगुली ने कहा कि घटना के अगले दिन अखबारों में यह छपा कि रात में महिलाओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया था। विधाननगर पुलिस आयुक्त को एक पत्र भेजकर पूछा गया है कि उस रात वास्तव में क्या हुआ था?
उल्लेखनीय है कि टेट उम्मीदवार शिक्षक चार दिनों से साल्टलेक के करुणामयी स्क्वायर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन 20 अक्टूबर की देर रात पुलिस ने उन्हें जबरन वहां से हटा दिया। ऐसे में विपक्ष ने सवाल किया कि जब सूर्यास्त के बाद एक महिला को कानूनी रूप से हिरासत में नहीं लिया जा सकता है तो पुलिस यह कदम कैसे उठा सकती है? इसके बाद ही राज्य महिला आयोग हरकत में आया है और पुलिस से जवाब मांगा है।