कोलकाता : पश्चिम बंगाल के नदिया जिला अंतर्गत हाँसखाली में नाबालिगा से सामूहिक दुष्कर्म को लेकर बुधवार को तृणमूल के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले को तूल देने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि 93 फ़ीसदी महिलाओं का बलात्कार तो घरों में ही होता है।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से घटनास्थल पर केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल भेजे जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सुखेंदु ने कहा कि विपक्ष खुद को जांच एजेंसी समझने लगा है। पुलिस पर लापरवाही के आरोपों के बारे में पूछे गए सवाल पर वह भड़कते हुए तृणमूल सांसद ने कहा कि इसमें बात सेना और पुलिस की नहीं है। नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो कहता है कि 93 फीसदी दुष्कर्म पारिवारिक वजहों से होते हैं। हालांकि उन्होंने दोहराया कि दुष्कर्म की घटना बिल्कुल निंदनीय है लेकिन इसे बहुत ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इसके पहले मंगलवार को तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा पीड़ित परिवार से मिलने गई थी और वहां मीडिया से बातचीत में उसके माँ-बाप को ही दोषी ठहराते हुए कहा था कि घरवाले कुछ छुपाना चाहते थे इसलिए जन्म प्रमाण पत्र के बिना अंतिम संस्कार कर दिया। उससे एक दिन पहले ममता बनर्जी ने नदिया दुष्कर्म को लेकर कहा था कि लड़की लव अफेयर में थी और गर्भवती थी।