बारासात : बारासात कोर्ट बुधवार से फिर से हड़ताल पर है। कई ढांचागत समस्याओं और अभाव को लेकर वकील हड़ताल पर हैं। पिछले फरवरी में कोर्ट के वकील और जज कई दिनों तक हड़ताल पर रहे थे। आरोप है कि प्रशासन अपने वादे पर खरा नहीं उतर रहा है। सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार तक हड़ताल जारी रहेगी।
वकीलों का आरोप है कि ढांचागत और न्यायिक अव्यवस्था जारी है। कई बार गुहार लगाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। महिला शौचालय, लिफ्ट, वादियों के लिए प्रतीक्षालय – इनमें से कुछ पुराने हैं तो कई अचल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में वादियों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचे ऐसी घटना नहीं घटनी चाहिए। लेकिन बारासात जिला अदालत में अक्सर इसके विपरीत हो रहा है। कभी एक वकील की मौत पर बार और एडवोकेट्स एसोसिएशन के वकील उस अदालत में हड़ताल पर चले जाते है तो कभी किसी अन्य कारण से। इसके चलते कई मामले अटके हुए हैं और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बारासात कोर्ट में इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं। उत्तर 24 परगना जिले के पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक साल में एक वकील की मौत के कारण बारासात जिला अदालत करीब 70 दिनों के लिए बंद रही।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष बोस ने बताया कि 1986 में जिले का बंटवारा हुआ था। यह समस्या 2006 से बढ़ रही है। न्यायिक मजिस्ट्रेटों और निचली अदालतों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है लेकिन हड़ताल के लिए लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है। दूर से आये वादियों को वापस लौटना पड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मांगें पूरी होने पर सभी को फायदा होगा।