– उ.प्र. सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश, अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट माफिया से नेता बने पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या की जांच की मांग पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उ.प्र. सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने उ.प्र. सरकार से पूछा है किन हालात में हत्या हुई और हत्या के बाद क्या कदम उठाए गए? मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी।
कोर्ट ने उ.प्र. सरकार से पूछा है कि अतीक और अशरफ को पैदल परेड करते हुए चिकित्सीय जांच के लिए क्यों हॉस्पिटल ले जाया गया था? उ.प्र. सरकार को ये भी बताना है कि विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए गठित जस्टिस बीएस चौहान आयोग की रिपोर्ट के आधार पर क्या कदम उठाए गए। कोर्ट ने अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बारे में भी उ.प्र. सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में कमेटी बना कर जांच की मांग की है। विशाल तिवारी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 28 अप्रैल को सुनवाई करने वाला है।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमिताभ ठाकुर ने अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अमिताभ ठाकुर ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को चिट्ठी लिख कर इस मामले पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। अमिताभ ठाकुर ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है। वकील विशाल तिवारी ने दोनों की हत्या की जांच की मांग की है। विशाल तिवारी की याचिका में मांग की गई है कि अतीक और उसके भाई की पुलिस हिरासत में हुई हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाए। याचिका में उ.प्र. के विशेष डीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) की ओर से 2017 के बाद हुए 187 एनकाउंटर की जांच करने की मांग की गई है।
उल्लेखनीय है कि उ.प्र. सरकार ने इस हत्याकांड की जांच इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अरविंद तिवारी की अध्यक्षता में गठित न्यायिक आयोग को सौंपी है। 15 अप्रैल की रात में अतीक और अशरफ को चिकित्सीय जांच के लिए ले जाते समय तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
अतीक ने मार्च में अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। अतीक ने आशंका जताई थी कि गुजरात से उत्तर प्रदेश ले जाते समय उसकी हत्या की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई से ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि वो अब गुजरात से उत्तर प्रदेश लाया जा चुका था।