कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को राज्य में अग्निकांड की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए अग्निशमन केंद्रों की संख्या में भारी इजाफा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में केवल 130 अग्निशमन केंद्र हैं, जबकि न्यूनतम दो हजार केंद्रों की आवश्यकता है।
शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को कोलकाता के खिदिरपुर बाजार में लगी भीषण आग की घटना का हवाला देते हुए विधानसभा में सरकार से अपील की कि ऐसे हादसों से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाए और एहतियाती कदम उठाए जाएं।
इस पर नगर विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने जवाब देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए एक समिति गठित की है। इस समिति की अध्यक्षता हकीम स्वयं कर रहे हैं, और इसमें पुलिस एवं अग्निशमन विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।
हकीम ने स्वीकार किया कि हाल के दिनों में कई बड़े अग्निकांड हुए हैं और समिति द्वारा एक एसओपी तैयार की जाएगी। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि आम लोगों को भी सतर्क रहने और एहतियात बरतने की जरूरत है ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके।
उत्तर कोलकाता के एक होटल में हाल ही में हुई दुखद आग की घटना का जिक्र करते हुए मंत्री ने बताया कि उस इमारत में कोलकाता नगर निगम की अनुमति के बिना निर्माण कार्य चल रहा था, जो हादसे का एक प्रमुख कारण बन सकता है।
शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस के 14 वर्षों के शासन में अब तक अग्निकांड की घटनाओं में 150 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि पूरे राज्य में केवल 350 फायर इंजन उपलब्ध हैं, जो आवश्यकता की तुलना में बेहद कम हैं।
उन्होंने कहा कि कोलकाता जैसे महानगर में महज 18 अग्निशमन केंद्र हैं, जबकि यह पश्चिम बंगाल की राजधानी है और यहां अधिक संसाधनों की आवश्यकता है। अधिकारी ने यह भी बताया कि वर्ष 2025 में अब तक कोलकाता में 12 बड़ी आग की घटनाएं हो चुकी हैं और यह सवाल उठाया कि क्या ये सिर्फ हादसे हैं या कहीं नई इमारतों के निर्माण के लिए जानबूझकर की गई साजिशें हैं।
फिरहाद हकीम ने इस आशंका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि अग्निकांड वाली किसी भी जगह पर अब तक कोई निर्माण कार्य या बिल्डिंग प्रमोटिंग गतिविधि शुरू नहीं की गई है।