शुभेंदु ने किया दावा: नियुक्ति भ्रष्टाचार में तृणमूल के सांसद-विधायकों की भूमिका, सूची की जारी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में तृणमूल विधायक जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी के बाद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस पर हमलावर हैं। ट्विटर पर उन्होंने उन विधायकों और सांसदों की सूची के साथ उम्मीदवारों के रोल नंबर नाम के साथ शिक्षा विभाग को भेजा गया लेटर हेड वाला पत्र भी जारी किया है। इसके साथ ही उन्होंने इन तमाम जनप्रतिनिधियों के खिलाफ तुरंत जांच शुरू करने की मांग की है।

एक के बाद एक किए गए दो सिलसिलेवार ट्वीट में शुभेंदु अधिकारी ने लिखा है कि जिस प्रकार माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के कारण नदिया के तेहट्ट से तृणमूल विधायक तापस कुमार साहा की भूमिका कैश फॉर गवर्नमेंट जॉब घोटाले में जांच के दायरे में है। उसी प्रकार इन तृणमूल सांसदों, मंत्रियों और विधायकों की जांच की जानी चाहिए ताकि रैकेट की गहरी जड़ों का पता लगाया जा सके।

इसके बाद उन्होंने उन लोगों की सूची जारी की है जिनके संबंध में उन्होंने आरोप लगाया है। इस सूची में तृणमूल सांसद अबू ताहिर खान, मंत्री अखिल गिरी, बर्दवान उत्तर से विधायक निशीत कुमार मल्लिक और सांसद अपरूपा पोद्दार का लेटर हेड पर लिखा गया वह पत्र उन्होंने साझा किया है जिसमें उम्मीदवारों का नाम और रोल नंबर देकर शिक्षा विभाग को पत्र दिया गया था। इसके अलावा पूर्व विधायक शुभ्रांशु रॉय को भी उन्होंने अपनी सूची में शामिल किया है।

शुभेंदु ने कहा है कि इन सभी ने अपने लेटर हेड पर उन उम्मीदवारों के नाम की सूची शिक्षा विभाग को भेजी जिन्होंने इन्हें रुपये दिए थे। अपने ट्वीट में उन्होंने यह भी लिखा है कि तृणमूल कांग्रेस स्कूल सेवा आयोग के समानांतर वसूली आयोग चला रही थी जिसमें उसके जीते हुए सांसद – विधायक बिचौलिए के तौर पर काम करते रहे हैं। इन सभी की जांच होनी चाहिए।

अखिल गिरी का पलटवार

शुभेंदु की लिस्ट में अपना नाम देखकर ममता कैबिनेट में मंत्री अखिल गिरी ने कहा है कि मैंने अपने लेटर हेड पर केवल उन उम्मीदवारों के बारे में जानना चाहा है जिनकी नौकरी लगी है। शुभेंदु केवल बेबुनियाद बातें कर रहे हैं। सच्चाई यह है कि वर्ष 2012 में वह तृणमूल में रहते हुए प्रभारी थे और उन्होंने भी नियुक्ति भ्रष्टाचार में किन लोगों को नौकरी दिलवाई है इसकी भी जांच होनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *