कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे का खंडन किया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य को उसके वैध बकाया राशि से वंचित करने का आरोप लगाया था। अधिकारी ने कहा कि 2018-19 से 2023-24 तक राज्य के राजस्व की तुलना में केंद्र सरकार का फंडिंग अधिक रही है।
अधिकारी ने एक बयान में कहा, “राज्य के बजट दस्तावेजों के आंकड़े बताते हैं कि 2018-19 से 2023-24 तक राज्य को मिलने वाली कुल केंद्रीय फंडिंग राज्य के अपने राजस्व से लगभग 31 प्रतिशत अधिक रही है।”
उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कुछ आंकड़े भी प्रस्तुत किए। उनके अनुसार, हालांकि पश्चिम बंगाल में भारत की जनसंख्या का 7.5 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन 2023-24 में घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में राज्य का योगदान 62,613 करोड़ रुपये है, जो राष्ट्रीय आंकड़े 15 लाख 23 हजार 249 करोड़ रुपये का केवल 4.11 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, “यह दर्शाता है कि राज्य आर्थिक रूप से कमजोर है। इस योगदान में भी, सीजीएसटी का योगदान केवल 19 हजार 267 करोड़ रुपये है, जबकि शेष जीएसटी राज्य जीएसटी या उपकर के रूप में राज्य द्वारा ही रखा जाता है।
अधिकारी ने प्रत्यक्ष कर संग्रहण के क्षेत्र में राज्य के प्रदर्शन को भी उजागर किया। उनके अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान पश्चिम बंगाल से प्रत्यक्ष कर संग्रहण केवल 56323.21 करोड़ रुपये था, जो राष्ट्रीय संग्रहण आंकड़े 16 लाख 26 हजार 927.63 करोड़ रुपये का 3.46 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, “जबकि केंद्र सरकार सभी राज्यों को करों के रूप में 7.53 प्रतिशत और अनुदान के रूप में 8.51 प्रतिशत देती है, यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल से एकत्रित राशि से प्रतिशत के रूप में बहुत अधिक देती है, मुख्य रूप से राज्य की खराब वित्तीय स्थिति को पहचानते हुए।”
उन्होंने दावा किया कि राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यमंत्री के कारण संकट में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए जो कुछ भी आवश्यक है, वह कर रही है।