कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी पर मंगलवार को गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि द्विवेदी राज्य प्रशासन के सबसे ऊंचे ओहदे पर रहने के बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसे लेकर उन्होंने एक पत्र भी उन्हें लिखा है जिसमें कहा है कि हरि कृष्ण द्विवेदी को इस पत्र के जवाब में बताना चाहिए कि उन पर लगे हुए आरोप सही हैं या गलत?
पत्र में अधिकारी ने दावा किया है कि मुख्य सचिव रहते हुए वह राज्य सरकार से 16.4 लाख रुपये आवास के किराये के तौर पर ले चुके हैं जबकि वह राज्य सरकार की ओर से दो किराया मुक्त आवास का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। मंगलवार को मुख्य सचिव को संबोधित अपने पत्र में शुभेंदु अधिकारी ने दस्तावेजों के साथ इस बात का जिक्र किया है कि 30 सितंबर, 2020 को वह राज्य के गृह सचिव के तौर पर नियुक्त हुए थे। उसके बाद से लगातार पदोन्नति कर वह मुख्य सचिव तक पहुंचे हैं और तब से लेकर आज तक उन्होंने मकान के किराया के तौर पर पश्चिम बंगाल सरकार से 16.4 लाख रुपये लिए हैं। इसके अलावा वह बीच में वित्त सचिव भी नियुक्त हुए थे और राज्य सरकार की ओर से उन्हें दो बंगले भी उपलब्ध कराए गए हैं जो किराया मुक्त है। हाल ही में उन्होंने जो वार्षिक अचल संपत्ति का रिटर्न दाखिल किया है उसमें इस बात की जानकारी दी है कि उन्होंने राजारहाट न्यूटाउन में एक चार मंजिला बंगले को किराए पर लगाया है जिससे 15 लाख 84 हजार रुपये की आमदनी हुई है। जबकि न्यूटाउन के सिटी गार्डन के एक फ्लैट को भी किराए पर उन्होंने दिया है जिससे उन्हें 4 लाख 80 हजार रुपये की आमदनी हुई है।
I have sent an email to the Hon'ble Chief Secretary of WB; Dr. Hari Krishna Dwivedi (IAS) asking him to either confirm or deny whether or not he's been drawing House Rent Allowance all the while enjoying not one but two rent-free Govt
accommodations. Hope he'd respond soon. pic.twitter.com/0pV7VXoZvS— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 24, 2023
अपने पत्र में शुभेंदु ने लिखा है कि सचिवालय में मौजूद मेरे सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि मुख्य सचिव लगातार इस भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्हें तुरंत इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि अगर वह राज्य सरकार की ओर से एक नहीं, दो किराया मुक्त आवासों का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब फिर वह राज्य से आवासीय किराए के तौर पर रुपये क्यों लेते रहे हैं? इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मुख्य सचिव को या तो इसे स्वीकार करना चाहिए या इनकार। अगर वह जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाया जाएगा।