ऐसा वैज्ञानिक जो नाभिकीय विस्फोट का माहिर था लेकिन उसका मन क्लासिकल पियानो की सुरमयी लहरों में रमता था। विज्ञान और संगीत, दोनों ही राजा रामन्ना के दिल के बेहद करीब थे। राजा रामन्ना भारत के पहले परमाणु परीक्षण के सूत्रधार थे। पहला नाभिकीय विस्फोट का परीक्षण 18 मई 1974 में राजस्थान के पोखरण में […]
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गुमनामी, मुफलिसी, तन्हाई से दो-चार हो रहे 50 के दशक के मशहूर फिल्म अभिनेता भारत भूषण ने बीमारी की हालत में कुछ ऐसा ही दर्द बयान किया था- मरना सभी को है, मगर जीने का सलीका सबको नहीं आता, मुझे भी नहीं। फिल्मों के जरिये कभी शोहरत और दौलत की ऊंचाइयां छूने वाले भारत भूषण […]
मोर का पंख जो भगवान श्रीकृष्ण के मष्तक पर शोभायमान है। मोर जो भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय जो स्कंद और मुरुगन भी कहे जाते हैं, उनका वाहन है। भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश में भी मोर का विशिष्ट श्रृंगारिक महत्व है। सावन के बादलों को देख प्रसन्नता में मोर का नाचना कवियों, कलाकारों, […]
‘महामहिम, आजीवन राष्ट्रपति, फील्ड मार्शल डॉक्टर ईदी अमीन। धरती के प्राणियों, समुद्र की मछलियों का मालिक और युगांडा में ब्रिटिश साम्राज्य का विजेता।’ (25 जनवरी 1971 को युगांडा में तख्ता पलट के बाद ईदी अमीन ने राष्ट्रपति बनते हुए खुद को यही उपाधि दी थी।) पूर्वी अफ्रीकी देश युगांडा कभी भारतीयों के ऐसे पनाहगार के […]
“मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा” यह धुन दिलो-दिमाग को एक भारत-सशक्त भारत का अहसास करा जाता है। साथ ही इसे आवाज देने वालों में प्रमुख गायकों के साथ सबसे पहले पंडित भीमसेन जोशी का ख्याल आता है। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, भूपेन हजारिका और बाल मुरलीकृष्ण जैसे गायकों के साथ सागर सी […]
‘भोर से पहले अंधेरा सबसे गहन होता है। यह वही घड़ी है जब सबसे गहरा अंधेरा है। बहादुर बनो और संघर्ष जारी रखो। आजादी आपके हाथ में है।’ 31 अगस्त 1942 को नेताजी सुभाषचंद्र बोस का आजाद हिंद रेडियो (जर्मनी) से राष्ट्र के नाम लंबे संदेश का हिस्सा। 23 जनवरी 1897 को ओड़िसा के कटक […]
भजन गायकी में अपने खास अंदाज की छाप छोड़ने वाले नरेंद्र चंचल का 22 जनवरी 2021 को निधन हो गया। अमृतसर में नामक मंडी के एक पंजाबी परिवार में 16 अक्टूबर 1940 को पैदा हुए नरेंद्र चंचल ने बचपन से ही मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते सुना। इससे पैदा हुई रुचि के बाद […]
मूर्तिदेवी सम्मान पाने वाली पहली महिला लेखिका प्रतिभा राय ओड़िया भाषा की सुप्रतिष्ठित लेखिका हैं, जिनका आधुनिक ओड़िया साहित्य में व्यापक योगदान है। उनके कुछ उपन्यासों को हिंदी के पाठकों ने भी हाथोंहाथ लिया, जिन उपन्यासों का हिंदी अनुवाद उपलब्ध है। इनमें मुख्य रूप से दो उपन्यास ‘शिलापद्म’ का हिंदी अनुवाद ‘कोणार्क’ और बहु प्रशंसित […]
देश का विभाजन हुए करीब 22 साल गुजर चुके थे। 1969 में भारत सरकार के आग्रह पर खान अब्दुल गफ्फार खान, इलाज के लिए पाकिस्तान से भारत आए। भव्य व्यक्तित्व के मालिक रहे खान अब्दुल गफ्फार खान इस बार बिल्कुल टूटे, मायूस और हताश जान पड़ते थे। उनकी आगवानी के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी […]
‘न कभी जन्मे, न कभी मरे। वे धरती पर 11 दिसंबर 1931 से 19 जनवरी 1990 के बीच आए थे।’- पुणे स्थित ओशो की समाधि पर अंकित शब्द। अपने दौर को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले आध्यात्मिक गुरु आचार्य रजनीश उर्फ ओशो, सर्वाधिक विवादास्पद शख्सियत भी रहे। जीवन को लेकर अन्य महान धर्मगुरुओं से ओशो […]