तारीख- 21 अप्रैल 1989, स्थान- चीन की राजधानी बीजिंग का थियानमेन चौक। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव और उदार सुधारवादी नेता हू याओबांग की मौत के बाद उनकी याद में काफी संख्या में छात्र-मजदूर एकजुट हुए थे। हू याओबांग को सरकार की आर्थिक और राजनीतिक नीति के लगातार विरोध के कारण हटा दिया […]
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सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक रोनू मजूमदार ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में बांसुरी को रेखांकित करते हुए कहा था कि ‘पंडित पन्नालाल घोष ने देवकी की तरह बांसुरी को जन्म दिया और पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने यशोदा की तरह उसे पाला पोसा।’ नि:संदेह पंडित पन्नालाल घोष ने बांसुरी को शास्त्रीय वाद्य के रूप में पहचान दिलाई और […]
जेम्स ए. जिम कार्बेट, जिन्हें एक साथ कई अर्थों में याद किया जाता है- प्रभावी लेखक, वन्यजीव छायाकार, बेजोड़ शिकारी और वन्य जीव संरक्षण वादी। आयरिश मूल के जिम कार्बेट ने मानवाधिकारों के लिए संघर्ष किया और संरक्षित वनों का आंदोलन प्रारंभ किया। 25 जुलाई 1875 को पैदा हुए जिम कार्बेट ने नैनीताल के पास […]
पूरी दुनिया में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जनचेतना के लिए हर साल 18 अप्रैल विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की पहल पर 1972 में अंतरराष्ट्रीय संधि लागू की गई जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिखरी ऐसी तमाम […]
भारत के संसदीय इतिहास के संदर्भ में 17 अप्रैल की तिथि का अहम स्थान है। 1947 में 15 अगस्त को ब्रितानी हुकूमत के पंजों से मुक्त होने के बाद भारत ने खुली हवा में सांस ली। इसके बाद कुछ साल तक संविधान सभा और अंतरिम सरकार का देश में शासन रहा। 25 अक्टूबर, 1951 से […]
भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जिसकी लंबाई 67415 किमी है। इसमें रोजाना 231 लाख लोग सफर करते हैं और यह 1.2 अरब टन भार के सामान की रोजाना ढुलाई करता है। इतना कुछ करने के लिए रेलवे 13169 यात्री गाड़ियां और 8479 मालगाड़ियों का संचालन करता है। निःसंदेह भारत के एक […]
13 अप्रैल 1919 को बैसाखी पर्व पर अमृतसर के जलियांवाला बाग में ब्रिटिश ब्रिगेडियर जनरल रेजीनॉल्ड डायर ने जिस तरह खून की होली खेली, उसे इतिहास की बर्बरतम घटना के तौर पर याद किया जाता है। यह उस वक्त के ब्रिटिश औपनिवेशिक राज के वास्तविक चेहरे को भी दुनिया के सामने रखता है। दरअसल, पंजाब […]
सुप्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्ववेत्ता राखालदास बंदोपाध्याय का जन्म 12 अप्रैल 1885 को मुर्शिदाबाद में हुआ। 1922 में एक बौद्ध स्तूप की खुदाई के दौरान मोहनजोदड़ो सभ्यता की खोज, राखालदास बंदोपाध्याय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने लगभग छह वर्षों तक महाराष्ट्र, गुजरात, सिंध, राजस्थान और मध्य प्रदेश की देशी रियासतों में पुरातत्व से जुड़े विभिन्न […]
देश-दुनिया के इतिहास में 10 अप्रैल की तिथि का खास महत्व है। इस दिन तमाम महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं। वह इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हैं। इस तिथि से अभागे टाइटैनिक जहाज का गहरा रिश्ता है। यह जहाज साल 1912 में आज ही के दिन ब्रिटेन के साउथम्पटन बंदरगाह से अपनी पहली और […]
तारीख- 9 अप्रैल 2003, दुनिया ने टीवी स्क्रीन पर देखा कि क्रेन से एक विशालकाय प्रतिमा के गले के हिस्से से हुक लगाकर नीचे गिराया जा रहा है। आसपास लोगों की भीड़ जश्न मना रही है। क्रेन ने देखते ही देखते इसे नीचे गिरा दिया। यह इराक के फिरदौस चौराहे पर लगी तानाशाह सद्दाम हुसैन […]