Tag Archives: History

इतिहास के पन्नों में : 17 फरवरी – आदि क्रांतिकारी का निधन

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का ऐसा क्रांतिकारी, जिसने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का शंखनाद किया। वासुदेव बलवंत फड़के ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह को संगठित रूप देने वाले पहले क्रांतिकारी माने जाते हैं। ब्रिटिश काल में गुलामी में जकड़े भारतीय समाज को देखकर फड़के का मन विचलित हो उठा और उनका दृढ़ विश्वास था […]

इतिहास के पन्नों में: 16 फरवरी – हिंदी सिनेमा के पितामह का निधन

16 फरवरी 1944 को हिंदी सिनेमा के पितामह, सूत्रधार और महान स्वप्नदर्शी फिल्मकार दादा साहब फाल्के का निधन हो गया। उनके सम्मान में दिया जाने वाला दादा साहब फाल्के पुरस्कार, भारतीय सिने जगत का सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान है। दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को त्र्यंबकेश्वर नामक तीर्थस्थल के करीब हुआ था। उनका […]

इतिहास के पन्नों में : 15 फरवरी – खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसीवाली रानी थी

पाठ्य-पुस्तकों में शामिल कविता की ये पंक्तियां बाल मन पर जादुई असर करती है- चमक उठी सन सत्तावन की वह तलवार पुरानी थी/ बुंदेले हरबोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी/ खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसीवाली रानी थी। ये पंक्तियां अमर कविता ‘झांसी की रानी’ का हिस्सा है। राष्ट्रीय चेतना की मुखर कवयित्री सुभद्रा […]

इतिहास के पन्नों में : 14 फरवरी – गांधीवादी मालवीय जी ने क्रांतिकारियों को असाधारण बताया

पिछले कुछ समय से 14 फरवरी वैलेंटाइंस डे के रूप में मनाया जाता है। इसके विपरीत बहुत कम लोग जानते हैं कि यह दिन हमारे देश की आजादी के लिए मातृभूमि के चरणों में बलिदान होने वालों का भी है। ऐसे क्रांतिकारी, जिनके लिए गांधीवादियों ने भी ऊपर तक फरियाद की थी। फिलहाल, वैलेंटाइंस डे […]

इतिहास के पन्नों में : 13 फरवरी – इंकलाबी शायर का जन्म

‘उतरे थे कभी ‘फ़ैज़’ वो आईना-ए-दिल में, आलम है वही आज भी हैरानी-ए-दिल का।‘ हिंदुस्तान और पाकिस्तान, दोनों देशों में लोगों की जुबान पर कायम रहने वाले शायर फैज अहमद फैज का यह शेर, उन्हीं पर खूब मौजूं है। साल 1911 की 13 फरवरी को सियालकोट में जन्मे ‘गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले, चले […]

इतिहास के पन्नों में: 12 फरवरी – लाखों की जान लेने वाली बीमारी पर विजय का दिन

मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल की फिल्म ‘आक्रोश’ जब रिलीज हुई तो दर्शकों का बड़ा तबका फिल्म के हीरो ओमपुरी के बेमिसाल अभिनय पर मुग्ध था तो ऐसे लोगों की संख्या भी कम नहीं थी जो अचरज में थे कि चेहरे पर चेचक के बेशुमार दाग वाले नौजवान को फिल्म का हीरो बनाया गया। इससे पहले […]

इतिहास के पन्नों में : 11 फरवरी – निःशब्द सदा, ओ गंगा तुम बहती हो क्यूं

भूपेन हजारिका की अनूठी आवाज से सजा यह अमर गीत, बहुआयामी प्रतिभा के धनी पंडित नरेंद्र शर्मा की कलम से निकला। प्रकृति और मानवीय सौंदर्य से खास मोह रखने वाले नरेंद्र शर्मा, हिंदी की साहित्यिक परम्परा को समृद्ध करने वाले सशक्त हस्ताक्षर हैं। 11 फरवरी 1989 में हृदयगति रुकने से उनका निधन हो गया था। […]

इतिहास के पन्नों में : 10 फरवरी – लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो/ घोड़े से पूछो, जिसके मुंह में लगाम है

आजादी के बाद की व्यवस्था से मोहभंग, सपनों के बिखराव और इससे उपजे आक्रोश को कवि सुदामा पांडे ‘धूमिल’ ने एक सशक्त चेहरा देकर प्रतिरोध की आवाज को अमर कर दिया। प्रतिरोध के प्रतिनिधि स्वर की जब कभी जरूरत पड़ेगी, धूमिल की पंक्तियां बरबस याद आएंगी- ‘एक आदमी रोटी बेलता है/ एक आदमी रोटी खाता […]

इतिहास के पन्नों में : 09 फरवरी – ऐसा कर्मयोगी जिसने नारायण मानकर नर की सेवा की

कुष्ठ रोगियों के मसीहा बाबा आमटे ने सारा जीवन उस तबके लिए समर्पित कर दिया, जिसे अछूत मानकर आम इंसानों की आबादी से बाहर बसने के लिए मजबूर किया जाता था। बेहद संपन्न परिवार से ताल्लुक रखने वाले बाबा आमटे ने ऐश-ओ-आराम का रास्ता छोड़ सारा जीवन, कुष्ठ रोगियों की जिंदगी संवारने में लगा दी। […]

इतिहास के पन्नों मेंः 08 फरवरी – सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रखर हिमायती

स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, कानूनविद्, शिक्षाविद्, लेखक और इतिहासकार कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का भारत के नवनिर्माण में अहम स्थान है। सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम के लिए बनाई गई समिति के अध्यक्ष रहे केएम मुंशी, संविधान सभा में ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य के साथ कई दूसरी उप समितियों के भी सदस्य रहे। 1938 में भारतीय विद्या […]