बंगाल में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में मददगार बनेगी टाटा मोटर्स

परिवहन विभाग संग करार

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में प्रदूषण मुक्त परिवहन की दिशा में बुधवार को महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विपक्ष के नेता रहते हुए सिंगूर में टाटा के खिलाफ बड़े आंदोलन के बाद राज्य सरकार के परिवहन विभाग और टाटा मोटर्स के बीच इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है।

टाटा मोटर्स की ओर से बताया गया है कि आने वाले 12 सालों तक कोलकाता समेत राज्य के अन्य हिस्सों में इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति टाटा समूह की ओर से की जाएगी। 1180 बसों की आपूर्ति की जानी है जिसकी कीमत करीब 6.5 करोड़ रुपये पड़ने वाली है। मौके पर उपस्थित राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि हम कोलकाता को साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त शहर बनाना चाहते हैं।

बस संगठनों की ओर से लगातार किराया बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन आम लोगों के लिए अतिरिक्त किराया वहन करना संभव नहीं। अगर ऐसे ही किराया बढ़ता रहा तो एक समय आएगा जब प्रति व्यक्ति करीब सौ रुपये का किराया देना पड़ेगा। परिवहन मंत्री के तौर पर मुझ पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह जिम्मेदारी दी थी कि मुझे इसका विकल्प तलाशना होगा। इलेक्ट्रिक बसें सबसे बेहतर विकल्प हैं। इन बसों का परिचालन का खर्च भी कम है और वायु प्रदूषण नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने टाटा मोटर्स के साथ इलेक्ट्रिक बसों को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किया है। उन्होंने बताया कि हम लोगों ने दो हजार बसों की मांग की है लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि वर्ष 2030 तक राज्य के सभी सरकारी डीजल चालित बसों को इलेक्ट्रिक बस में तब्दील कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक चालित तिपहिया वाहनों के संचालन की अनुमति दी जाएगी।

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