कोलकाता : राज्य सरकार ने गर्मी की छुट्टी बढ़ा दी है। इस बीच शिक्षक संगठन ने इस इस फैसले को वापस लेने और जल्द स्कूल खोलने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने इसके खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है।
उस्ती यूनाइटेड प्राइमरी टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप घोष ने गुरुवार को कहा कि स्कूल जल्द ही खोला जाना चाहिए, अब और किसी भी सूरत में शिक्षा को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो शेड्यूल बदलें, समय कम किया जाय लेकिन बच्चों को स्कूल जाने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए अगर हमें सड़कों पर उतरना पड़े तो उतरेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोरोना महामारी की वजह से स्कूल न जाने की पर बच्चों की शिक्षा और मनोविज्ञान प्रभावित हुआ है। अब वह फिर से सब सामान्य होने लगा था तो कारण इतनी लंबी छुट्टी दे दी गयी। यह हर कोई जानता है कि एक विकासशील देश में शिक्षा का अधिकार सर्वोपरि होना चाहिए। यह बच्चों का मूल अधिकार है। लेकिन हम हकीकत में क्या देखते है कि इस राज्य की सरकार अन्य राज्यों की तुलना में शिक्षा की सबसे कम आवश्यकता महसूस कर रही है। दूसरी ओर, ऑनलाइन शिक्षा और संबंधित व्यावसायिक संगठन बंद स्कूल के अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।
तो इससे क्या हुआ? जो लोग सरकारी शिक्षा प्रणाली पर निर्भर हैं, उनके मूल अधिकारों में सरकारी नीति के कारण कटौती की जा रही है। हमें लगता है कि यह न केवल इस पीढ़ी के साथ धोखा है, बल्कि भविष्य के राज्य और देश को अंधकार की ओर धकेलने की रणनीति भी है। जिसे मैं सबसे क्रूर अपराधों में से एक मानता हूं। संगठनात्मक रूप से यह हमारा स्पष्ट बयान है।