टेट मामला : खंडपीठ ने 269 लोगों की रद्द नौकरी वापस करने की याचिका ठुकराई, जारी रहेगी सीबीआई जांच

Calcutta High Court

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) मामले में न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत ने शुक्रवार को कहा है कि एकल पीठ ने 269 व्यक्तियों को नौकरी से निलंबित करने का आदेश दिया था, यह बरकरार रहेगा। जांच पूरी होने तक उन्हें बहाल नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विधायक मानिक भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने जाने के फैसले को बरकरार रखा जाएगा। वहीं, एकल पीठ के सीबीआई जांच संबंधी आदेश को बरकरार रखते हुए खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि सीबीआई अदालत की निगरानी में मामले की जांच करेगा।

खंडपीठ में फैसले की कार्रवाई शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने 85 पन्ने का फैसला पढ़ना शुरू किया। न्यायमूर्ति गांगुली की एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखते हुए उन्होंने कहा कि केवल एकल पीठ ही जांच एजेंसी से रिपोर्ट मांग सकती है। यहां तक कि एकल पीठ प्राथमिक भर्ती भ्रष्टाचार के आरोपों के वित्तीय पहलू को भी देखेगी। नतीजतन, टेट मामले की सुनवाई प्रक्रिया न्यायमूर्ति गांगुली के एकल पीठ के नियंत्रण में ही होगी।

प्राथमिक शिक्षक भर्ती मामले में न्यायाधीश गांगुली के फैसले को चुनौती देते हुए प्राथमिक शिक्षा बोर्ड और यहां तक कि राज्य सरकार ने भी डिवीजन बेंच का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए गए विधायक मानिक भट्टाचार्य ने भी न्यायमूर्ति गांगुली के फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी थी। इसके बाद न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी के खंडपीठ में इसके खिलाफ याचिका लगाई गई थी जिसकी सुनवाई 19 जुलाई को खत्म हो गई थी। लेकिन फैसला नहीं सुनाया गया था। आखिरकार शुक्रवार को खंडपीठ ने सुनवाई के एक महीने 14 दिन बाद शुक्रवार को फैसला सुनाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *