कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत के विरोध को लेकर एक बार फिर न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को फटकारा है। जांच की गति में सुस्ती को लेकर न्यायाधीश ने जांच अधिकारी को बुलाकर कहा कि जो हो रहा है वह ठीक नहीं है, यह नहीं चलेगा। पिछले आठ महीने से जेल में बंद पार्थ चटर्जी से संबंधित मामले की गुरुवार को अलीपुर स्थित जिला सिविल एवं सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। जज ने सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभियुक्तों के भी कुछ अधिकार होते हैं। जांच अनिश्चितकाल के लिए नहीं चल सकती। और कितने दिन लगेंगे? इसके जवाब में, सीबीआई के जवाब देने से पहले, पार्थ के वकील ने कहा कि यह तारीख पर तारीख की तरह चल रहा है!
पार्थ के वकील सलीम रहमान ने जब ‘दामिनी’ फिल्म का यह डायलॉग बोला तब जज भी उनसे सहमत नजर आए।
भर्ती भ्रष्टाचार में अभियुक्त पार्थ के अलावा सुबिरेश भट्टाचार्य, शांति प्रसाद सिन्हा जैसे अन्य अभियुक्तों के संबंध में भी सुनवाई हुई। न्यायाधीश ने इन सभी जांचों की प्रगति पर सवाल उठाया। न्यायालय ने जांच अधिकारी को बुलाकर कहा कि चार्जशीट में लिखा है, बाकी अभियुक्तों और उम्मीदवारों की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। लेकिन वे कहां हैं? मुझे ज्वाइन किए करीब दो महीने हो चुके हैं। मुझे पता है, यह एक बड़ा काम है। करीब 350 लोग हैं। लेकिन किसी का बयान लिया गया है? क्या किसी ने बयान दर्ज किया है? बैंक स्टेटमेंट मिला? उन्होंने जांच अधिकारी को कहा कि जो हो रहा है वह सही नहीं है। कम से कम एक 164 (गुप्त बयान) करो।
जज की टिप्पणी के जवाब में सीबीआई के जांच अधिकारी ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश पर विस्तृत जांच कर रहे हैं। हमें कुछ समय चाहिए। बैंक की कुछ जानकारी ली गई है, और चाहिए।
उधर, भर्ती मामले में देरी को लेकर सरकारी वकील ने कहा कि वे कहेंगे कि हम जांच को खींच रहे हैं। लेकिन हमें देखना होगा कि जांच किस तरह आगे बढ़ रही है। जब जांच शुरू हुई तो आरोप लगे कि अवैध तरीके से नौकरी दी गई लेकिन जांच से पता चलता है कि भर्ती कैसे होगी और अगला कदम क्या होगा, इसकी योजना अभियुक्तों ने पहले से बना ली थी।
इस संबंध में जज के सवाल के जवाब में सरकारी वकील ने कहा कि ओएमआर में कैसे हेराफेरी की गई, भर्ती कैसे हुई, कैसे पूरे मामले पर पर्दा डाला गया- हम सब पता लगा रहे हैं। जांच में सरकारी अधिकारियों के अलावा प्रभावशाली शीर्ष व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं। हर कोई साजिश का हिस्सा है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए सभी को हिरासत में लेने की जरूरत है। हमारे पास सबूत हैं।