कोलकाता : राज्य के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक बार फिर कलकत्ता हाईकोर्ट ने फटकारा है। न्यायालय ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसी की जांच की गति संतोषजनक नहीं है। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि पूरे देश की निगाहें इस मामले की प्रगति पर हैं।
भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार कुल आठ लोगों को गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। इनमें बरवान के तृणमूल विधायक जीवन कृष्ण साहा भी थे। इसके अलावा गुरुवार को प्रेसीडेंसी सुधार गृह से सुबिरेश भट्टाचार्य, सुब्रत सामंत रॉय, कौशिक घोष को भी कोर्ट में पेश किया गया। वे न्यायिक हिरासत में हैं। सुनवाई की शुरुआत में न्यायाधीश ने जांच एजेंसी से जांच में तेजी लाने को कहा।
न्यायाधीश ने कहा कि भर्ती भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई पर कई जांचों का बोझ है। हर मामले की जांच और तेज करने की जरूरत है। चार्जशीट में नामित सभी लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। वे कहाँ हैं? सीबीआई के वकील ने कोर्ट के सवाल के जवाब में कहा कि चार्जशीट में जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनकी जानकारी केस डायरी में है। यदि किसी मामले में एक से अधिक अभियुक्त हैं, तो उन सभी पर साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं। जवाब में जज ने कहा, ”मैं आपकी जांच की प्रगति से इनकार नहीं कर रहा हूं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आपका जांच अधिकारी काम नहीं कर रहा है।
हालांकि न्यायाधीश ने केंद्रीय एजेंसी को यह भी याद दिलाया कि पश्चिम बंगाल के इस भर्ती भ्रष्टाचार मामले की जांच पर पूरा देश नजर रख रहा है, इसलिए जांच में तेजी लाना चाहिये।
जज ने कोर्ट में दो केस नंबर भी बताए। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा दायर दो मामलों आरसी-5 और आरसी-3 को छोड़कर बाकी मामलों की जांच की स्थिति खराब है। हालांकि सभी जांच एक साथ शुरू हुई है। कोर्ट ने सीबीआई से कहा है कि किसी भी जांच में ढिलाई वांछनीय नहीं है।