कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को एक बार फिर न्यायालय की फटकार लगी है। सोमवार को एक बार फिर हाल ही में गिरफ्तार किए गए चंदन मंडल उर्फ रंजन सहित छह बिचौलियों को कोर्ट में पेश किया गया। अलीपुर के विशेष सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश अर्पण चटर्जी ने कहा कि चार महीने तक आपने चंदन को कुछ नहीं किया, वह बाहर था। उसे खुला छोड़ रखा था। आपने जब भी बुलाया वह पूछताछ के लिए आए। आपके सवालों का जवाब दिया और अब अचानक वह दोषी हो गया। उसे आपने गिरफ्तार कर लिया। आज जब उसे कोर्ट में पेश किया गया है तो आप उसकी हिरासत नहीं मांग रहे हैं बल्कि जेल भेजने की बात कर रहे हैं। आप यह भी कह रहे हैं कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है तब आपको तो उसे अपनी हिरासत में लेनी चाहिए ना। जेल में क्यों भेज रहे हैं ? अगर वह सहयोग नहीं कर रहे हैं तो आपके पास इतने सारे प्रमाण कहां से आए? आपके बयानों में कई विसंगतियां हैं।
इस पर सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि चंदन सब कुछ खुलकर नहीं बता रहे हैं। बहुत कुछ छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि इसके पहले तो आपने चंदन को चार नोटिस भेजा लेकिन गिरफ्तार नहीं किया। आपको अगर ऐसे ही बात करनी थी तो चंदन को पहले गिरफ्तार कर लेना चाहिए था। अचानक आपके मन में हुआ कि चंदन को गिरफ्तार करना चाहिए वह भी कोर्ट की फटकार के बाद। आपको यह तय करने में ही नौ महीने लग गए। इस पर फिर सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि जिन किसी भी बिचौलियों को गिरफ्तार किया गया सभी के पास पांच से 15 करोड़ रुपये के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं। इसमें चंदन की भूमिका बड़ी है। चंदन नौकरी चाहने वालों से रुपये लेकर अपने अकाउंट में रखता था। वहां से विभिन्न अकाउंट में भेजा जाता था। किसके पास से कितना पैसा लिया है और किसको दिया है यह जानना जरूरी है। हालांकि कोर्ट ने सीबीआई के वकील की बातों को बहुत अधिक तरजीह नहीं दी और कुछ समय के लिए अदालती कार्यवाही पर विराम की घोषणा की।