नयी दिल्ली : दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में आज की सुनवाई पूरी कर ली है। आज ईडी ने कोर्ट में कहा कि गांधी परिवार पर अपराध से प्राप्त धन को अपने पास रखने और उसे वैध बनाने का आरोप है। स्पेशल जज विशाल गोगने ने इस मामले पर 2-8 जून तक रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया।
आज कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वो चार्जशीट की प्रति इस मामले के शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी को उपलब्ध कराएं। सुनवाई के दौरान आरोपितों की ओर से पेश वकील ने कहा कि चार्जशीट में काफी दस्तावेज हैं। इसे पढ़ने में समय लगेगा। आरोपितों की इस दलील का ईडी ने विरोध करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की। तब कोर्ट ने 2 से 8 जून तक रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कहा कि प्रथम दृष्टया सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला बनता है। उन्होंने कहा कि ईडी नवंबर, 2023 में नेशनल हेराल्ड की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने कहा कि यंग इंडिया कंपनी का लाभकारी स्वामित्व हमेशा सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रहा।
इससे पहले 8 मई को सुनवाई के दौरान ईडी ने कोर्ट को बताया था कि इस मामले के सह आरोपित सैम पित्रोदा को ई-मेल किया गया है। सुनवाई के दौरान इस मामले के शिकायतकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से पेश वकील ने चार्जशीट की प्रति उपलब्ध कराये जाने की मांग की थी, तब कोर्ट ने कहा था कि इस पर ईडी का पक्ष जानने के बाद ही कोई आदेश जारी करेंगे।
कोर्ट ने 2 मई को इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सात आरोपियों को नोटिस जारी किया था। ईडी ने 15 अप्रैल को कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल की थी। ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को आरोपित बनाया है। ईडी ने मनी लांड्रिंग कानून की धारा 44 और 45 के तहत शिकायत दाखिल की है। ईडी की ओर से पेश वकील एनके माटा ने कहा था कि इस मामले में 2019 में सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 403, 406 और 420 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
इस मामले में शिकायतकर्ता सुब्रह्ण्यम स्वामी का आरोप है कि दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 1600 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को एजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया। स्वामी का कहना है कि हेराल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी, इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। गांधी परिवार ने दलील दी थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई है।