कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आसनसोल संसदीय और बालीगंज विधानसभा सीट पर चुनाव चल रहा है। नियमानुसार मीडिया को चुनावी क्षेत्रों में पूरी तरह से कवरेज की अनुमति होती है लेकिन मंगलवार को हो रहे आसनसोल संसदीय उपचुनाव में जिलाधिकारी ने कथित तौर पर मीडिया के मूवमेंट पर ही रोक लगा दी थी। दरअसल एक पुलिसकर्मी का वीडियो सामने आया है जो उस समय का है जब भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल की गाड़ी पर हमले हुए थे। आसनसोल के बाराबनी इलाके में अग्निमित्रा की गाड़ी पर हमले का कवरेज करने जा रहे मीडिया वालों की गाड़ी को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने रोक दी थी। कैमरे के सामने जब उनसे पूछा गया कि क्यों रोका गया है तो उन्होंने कहा था कि जिलाधिकारी ने मीडिया को रोकने के लिए कहा था। हालांकि बाद में जब हंगामा बढ़ा और चुनाव आयोग तक पहुंचा तो दावा है कि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी आरिज आफताब ने मौखिक तौर पर मीडिया को फ्री मूवमेंट के निर्देश दिए जिसके बाद आसनसोल में मीडिया वालों को चुनावी कवरेज के लिए छोड़ा गया।
यह भी पता चला है कि जिलाधिकारी ने ना तो लिखित में पुलिसकर्मियों को इस तरह के कोई आदेश दिए थे और ना ही चुनाव आयोग ने ही लिखित में इस तरह का आदेश दिया था। घटना को लेकर भाजपा उम्मीदवार अग्निमित्रा पॉल ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के निर्देश पर जिलाधिकारी और पुलिस वाले मीडिया कवरेज को रोक रहे हैं ताकि आराम से वोट छाप सके। हालांकि इस पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि चुनावी क्षेत्रों में प्रशासन सरकार के नहीं बल्कि चुनाव आयोग के अधीन होता है इसलिए भाजपा उम्मीदवार के इस तरह के आरोप बेबुनियाद हैं।